नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की नई दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक हुई. इस बैठक में बसपा के प्रदेश अध्यक्ष और प्रमुख बसपा नेता और कार्यकर्ता आए हुए थे. बैठक की अध्यक्षता बसपा सुप्रीमो मायावती ने की.
कार्यकारिणी बैठक में मोदी और भाजपा सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों पर विचार किया गया. बैठक में कहा गया कि मोदी सरकार के जातिवादी, तानाशाही और द्वेषपूर्ण रवैये के कारण भारत बदहाली के रास्ते पर पहुंच गया है. केंद्र में भाजपा सरकार आने से देश के किसानों, मजदूरों और आम जनता को नहीं बल्कि धन्नासेठों और पूंजीपतियों को लाभ मिल रहा है. बैठक में कहा गया कि इसके विरूद्ध संघर्ष और विरोध करना देशहित में होगा.
बसपा प्रमुख मायावती ने विभिन्न राज्यों में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए और जनाधार बढ़ाने के लिए लगातार जारी कैडर तैयारियों की भी समीक्षा की. उन्होंने पार्टी को बेहतर काम करने के लिए नए दिशा-निर्देश भी दिए. मायावती ने वर्तमान में हो रही राजनीतिक उथल-पुथल के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा और सीमा पर तनावपूर्ण हालात पर चर्चा की. चर्चा करने के बाद मायावती ने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद देश की आंतरिक स्थिति और सीमा पर हालात बेहद खराब हुए हैं. हमारे जवानों की भी शहादत की संख्या भी बढ़ी है. इससे साबित होता है की भाजपा सरकार देश चलाने में सफल नहीं हो पाई है.
छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं ने बताया की भाजपा के वरिष्ठ नेता ने सैंकड़ों हेक्टेयर जंगल और आदिवासयों की जमीन पर कब्जा कर लिया और वहां रिजोर्ट बनाने का काम शुरू कर दिया. जिसका आदिवासी समाज ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह से सवाल पूछ रही है कि भाजपा मंत्री द्वारा इस प्रकार की भू-माफियागिरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा द्वारा ऐसा टॉलरेंस क्यों? यह कौन सी देशभक्ति है?
कार्यकारिणी की अहम बैठक को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा की सीबीआई, आयकर, ईडी, पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसी का केंद्र सरकार गलत उपयोग कर रही है. केंद्र सरकार विपक्षी दलों को भ्रष्ट साबित करने की लगातार कोशिश कर रही है. लेकिन भ्रष्ट भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है. क्या यही भाजपा और मोदी का भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान है?
मायावती ने कहा कि मोदी सरकार गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, सीमा सुरक्षा जैसे देशहित के साथ-साथ जनहित और जनकल्याण आदि महत्वपूर्ण मुद्दों पर बुरी तरह विफल हुई है. भाजपा अपनी कमजोरियों को छिपाने के लिए ही विरोधी पार्टियों के नेताओं को बदनाम कर रही है.
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि पहले मोबोक्रेसी (भीड़ की अराजकता), देशद्रोह, लव-जेहाद, एंटी-रोमियों आदि के नाम पर उत्पीड़न और फिर नोटबंदी के माध्यम से केंद्र सरकार ने लोगों का ध्यान बंटाया. अब विपक्षी पार्टियों को अस्थिर करने, उन्हें भ्रष्ट साबित करने और उनकी आवाज को संसद तक में दबाने का लोकतंत्र-विरोधी प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि इसी लोकतंत्र विरोधी प्रयास के खिलाफ में मैंने 18 जुलाई को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा भी दिया.
मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार के अहंकारी, विद्वेषपूर्ण, पक्षपाती, जातिवादी, तानाशाही, लोकतंत्र और जनविरोधी रवैये के खिलाफ बसपा चुप नहीं बैठेगी. भाजपा का पर्दाफाश करने के लिए देशभर में और मुख्यरूप से उत्तर प्रदेश में कार्यक्रम चलाया जाएगा. जिसके तहत उत्तर प्रदेश में अगले महीने 18 सितंबर से मंडल स्तर पर कार्यकर्ता महासम्मेलन हर महीने आयोजित किए जाएंगे. जबकि देश के अन्य राज्यों में यह प्रक्रिया नवंबर महीने से शुरु होगी. प्रत्येक महासम्मेलन में बसपा सुप्रीमो मायावती मुख्त अतिथि के तौर पर शामिल होंगी.

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