आप लोग बहक गए, इसलिए कमजोर पड़ा आंदोलन : मायावती

नई दिल्ली। करीब 12 बजे से जीटीबी एनक्लेव का रामलीला मैदान बीएसपी के झंडों से पटने लगा था. समाजवादी पार्टी के झंडे भी लहरा रहे थे. भाषण दिए जाते रहे… बीच-बीच में ‘जो जमीन सरकारी है, वो जमीन हमारी है’ और ‘चढ़ गुंडन की छाती पर, बटन दबेगा हाथी पर’ के नारे भी लगते रहे. माहौल में जोश भरने के लिए ‘बहन मायावती को पीएम बनावांगे, बाबा साहब के सपनो का देश बनावांगे’ का गाना बजाया जा रहा था. महिलाएं और युवक डांस भी कर रहे थे. ढाई घंटे के इंतजार के बाद मायावती का आगमन हुआ. वह कांग्रेस और बीजेपी पर जमकर बरसीं.

बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस के 90 साल के शासन में अति गरीब, किसान और अल्पसंख्यकों को उनके अधिकार से वंचित रखा गया. यही काम बीजेपी ने भी किया. गरीबों, दलितों, आदिवासियों और मुस्लिमों का विकास नहीं किया. इन दोनों पार्टियों के राज में आरक्षण का पूरा फायदा नहीं मिल सका है. प्राइवेट सेक्टर में भी आज आरक्षण लागू नहीं कर सके हैं. मायावती ने ऐलान किया है कि केंद्र में उनकी सरकार बनती है तो वो अति गरीबों को स्थाई रोजगार देंगी. मायावती ने राज्य और केंद्र की ‘मास्टर की’ अपने पास रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि आपने सबको आजमा लिया है, अब बीएसपी को सत्ता में लाओ. समर्थकों को काशीराम की याद दिलाते हुए मायावती ने कहा कि दिल्ली उनकी कर्मभूमि रही है. उनका ज्यादातर मूवमेंट यहीं चला. यहां की कोई ऐसी बस्ती और मोहल्ला नहीं छोड़ा था, जहां पार्टी का नीला झंडा नहीं फहराया. आज यहीं पर उनका आंदोलन कमजोर पड़ गया है. आप लोग कुछ समय उनके साथ चले, लेकिन बाद में इधर-उधर बहक गए. नतीजतन कांग्रेस और बीजेपी को राज करने का मौका मिल गया. अन्ना आंदोलन की आड़ में आम आदमी पार्टी ने भी सत्ता हथिया ली, लेकिन आप अपने मूवमेंट को आगे नहीं बढ़ा पाए. कुछ विधायक जरूर चुने गए, लेकिन दिल्ली की सत्ता तक नहीं पहुंच सके. यूपी का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि वहां अब परिवर्तन की लहर आ गई है. प्रधानमंत्री समेत सभी बड़े नेताओं के चेहरे लटके हुए हैं. पड़ोसी राज्यों में चल रही परिवर्तन की लहर का असर दिल्ली पर भी होना चाहिए. हर बूथ पर अपना एक-एक वोट डलना चाहिए. समाजवादी पार्टी के लोग भी अपना वोट बीएसपी को ट्रांसफर करवाएं.

दिल्ली यूनिट को लिए आड़े हाथ

दिल्ली में बीएसपी के पांच कैंडिडेट उतारे हैं. मायावती ने भरी रैली में इसके लिए बीएसपी की दिल्ली यूनिट को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि हमें सातों सीटों पर चुनाव लड़ना था, लेकिन यहां के नेताओं की ढिलाई और गलती की वजह से हम दो सीटों पर कैंडिडेट नहीं उतार सके. प्रदेश की कार्यकारिणी को अपने काम में सुधार लाने की जरूरत है. उन्होंने चांदनी चौक से शाहिद अली, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से राजवीर सिंह, ईस्ट दिल्ली संजय गहलोत, वेस्ट दिल्ली सीता शरण सेन और साउथ दिल्ली से सिद्धांत गौतम को वोट देने की अपील की.

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