पटना। उधर जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन वाली सरकार गिर है तो वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है. इससे बिहार में गठबंधन को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जाने लगे हैं. वैसे भी बीजेपी को उप चुनावों में मिली हार के बाद जदयू ने नाराजगी जाहिर की थी.
सांप्रदायिकता से समझौता करना एजेंडे में नहीं…
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वो अपने एजेंडे पर काम करते रहेंगे. लेकिन अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से समझौता करना उनके एजेंडे में नहीं है. उनका एक एजेंडा है, न्याय के साथ विकास का. उन्होंने कहा कि गठबंधन काम करने के लिए होता है. बहुत लोगों को गठबंधन के अंदर झंझट हो जाता है, परेशानी हो जाती है. उसको छोड़िए, काम देखिए. इससे पहले भी बाढ़ राहत राशि व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर नीतीश कुमार ने केंद्र से नाराजगी जाहिर की थी.
वैसे तो बिहार की सियासत में गठबंधन की राजनीति को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. इससे पता चल रहा है कि बिहार की गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है. सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा, जदयू, रासलोपा और लोजपा में बयानबाजी और एक-दूसरे पर छींटाकशी जारी है. इसको लेकर हर कोई अलग-अलग बयान दे रहा है. हालही में अमित शाह के लंच पार्टी में जाने से उपेंद्र कुशवाहा ने साफ मना कर शामिल नहीं हुए थे.
नरेंद्र मोदी या नीतीश कुमार
इसके अलावा भाजपा जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को बड़ा बता रही है वहीं जदयू नीतीश कुमार के चेहरे पर ही चुनाव लड़ना चाहती है. अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारों-इशारों में गठबंधन पर बड़ी बात कही है. इन तमाम बातों से लग रहा है कि बिहार की गठबंधन किसी भी करवट बैठ सकती है.
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