नई दिल्ली। बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को धम्म दीक्षा दिलाने वाले दीक्षा गुरू भदंत प्रज्ञानंद महास्थवीर का परिनिर्वाण हो गया. उनका परिनिर्वाण आज सुबह 11 बजे हुआ. उनका पार्थिव शरीर आज लखनऊ के रिसालदार बुद्धविहार में दर्शनार्थ रखा गया.
प्रज्ञानंद महास्थवीर पिछले कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे. रविवार को उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. जिसके बाद उन्हें किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया. सांस लेने में तकलीफ होने पर सोमवार को उन्हें गांधी वार्ड के आइसीयू में शिफ्ट किया गया. अंततः आज सुबह (30 नवंबर) 11 बजे उनका परिनिर्वाण हो गया.
प्रज्ञानंद का जन्म 18 दिसंबर, 1927 को श्रीलंका के गलगेदर गांव में हुआ था. वर्ष 1941 में लखनऊ के बुद्ध विहार रिसालदार पार्क लालकुआं के संस्थापक बोधानंद के बुलावे पर वह भारत आए. वर्ष 1942 में बौद्ध भिक्षु बने. इस दौरान 1948 व 1951 में दो बार डॉ. भीमराव अंबेडकर लखनऊ आए और उनसे मुलाकात की. वर्ष 1952 में बोधानंद का स्वर्गवास हो गया. इसके बाद बौद्ध विहार की कमान प्रज्ञानंद को सौंपी गई. 14 अक्टूबर, 1956 को सात भंतों की मौजूदगी में बाबासाहेब ने लाखों समर्थकों के साथ बौद्ध धम्म की दीक्षा ग्रहण ही. उन सात भंतों में सिर्फ प्रज्ञानंद ही अब तक जीवित रहे.

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