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लेखक देश के वरिष्ठ एवं अग्रणी साहित्यकार हैं। लेखन की तमाम विधाओं में पिछले तकरीबन चार दशक से सक्रिय हैं। केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान (राजभाषा विभाग भारत सरकार, नई दिल्ली) के निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हैं। कविता संग्रह 'गूंगा नहीं था मैं', उपन्यास 'छप्पर' एवं 'उत्कोच', कहानी संग्रह 'तलाश' और 'खरोंच', यात्रा वृतांत 'जर्मनी में दलित साहित्य: अनुभव और स्मृतियां' उनकी बहुचर्चित कृतियां हैं। साथ ही दलित साहित्य (वार्षिकी) का सन 1999 से निरंतर संपादन कर रहे हैं। कई विशिष्ट पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।