बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है. पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी उनका हालचाल जानने के लिए एम्स पहुंचे. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आडवाणी वहां आधे घंटे से ज्यादा तक रुके और परिवार को सांत्वना दी. एम्स में भर्ती जेटली को वेंटिलेटर से हटा कर एक्स्ट्राकॉरपोरेल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ईसीएमओ) और इंट्रा-ऑर्टिक बलून पंप (आईएबीपी) सपोर्ट पर रखा गया है. यहां उनका डायलिसिस भी किया जा रहा है.
जेटली का हालचाल लेने के लिए पक्ष और विपक्ष के नेताओं का एम्स तांता लगा हुआ है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी सोमवार सुबह एम्स पहुंचे हैं. वहीं सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनका हाल जानने के लिए आज एम्स जा सकते हैं.
इससे पहले रविवार देर रात केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह उन्हें देखने के लिए एम्स पहुंचे. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी सांसद गौतम गंभीर उन्हें देखने के लिए एम्स पहुंचे थे.
सूत्रों के मुताबिक अरुण जेटली एक्सट्राकॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) पर हैं, जिसका उपयोग सांस लेने या दिल की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है. उन्होंने पहले कहा था कि डॉक्टरों की एक मल्टी डिसिप्लिनरी टीम उनकी निगरानी कर रही है. रविवार को जेटली के हालचाल जानने के लिए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और अश्विनी कुमार चौबे, भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर और गौतम गंभीर, और आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत पहुंचे थे.
अरुण जेटली को एम्स में डॉक्टरों ने उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए वेंटिलेटर से हटाकर ईसीएमओ (ECMO) यानी एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन (Extracorporeal membrane oxygenation) पर शिफ्ट किया है. ईसीएमओ पर मरीज को तभी रखा जाता है, जब दिल और फेफड़े ठीक से काम नहीं करते और वेंटीलेटर का भी फायदा नहीं हो रहा होता है. तब इसकी मदद से मरीज के शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है.
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