नई दिल्ली। रामनाथ कोविंद मंगलवार को देश के 14वें राष्ट्रपति बन गए. संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने उन्हें शपथ दिलवाई. यहां तक सब कुछ नियम और परंपरा के मुताबिक हुआ. लेकिन राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एक ऐसी बात भी हुई जो न तो भारत की परंपरा रही है और न ही इसे सही ठहराया जा सकता है.
रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति पद का शपथ लेने के बाद भाजपा के तमाम नेताओं ने जयश्री राम के नारे लगाए. असल में देश के राष्ट्रपति के चुनाव के बाद भाजपा द्वारा लगाया जाने वाला यह नारा भाजपा के एजेंडे को दर्शा रहा है. यह इसलिए भी चुभने वाली बात है, क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है. और एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में एक धर्म विशेष से जुड़े व्यक्ति के नारे लगाना, कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता.
बाद में कांग्रेस और अन्य दल के नेताओं ने इस पर आपत्ति भी दर्ज कराई. कांग्रेस पार्टी ने इस बात को लेकर भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम नहीं लिया.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
