नई दिल्ली। फिल्म जग्गा जासूस से पहली बार प्रोड्यूसर बन रहे रणबीर कपूर का कहना है कि उनकी फिल्म ‘जग्गा जासूस’, निर्देशक अनुराग बासु की बनाई फिल्म ‘बर्फी’ से ज्यादा अच्छी होगी. अनुराग बासु को ‘बर्फी’ के लिए खूब बधाइयां मिली थीं और इस फिल्म में नजर आए रणबीर कपूर और प्रियंका चोपड़ा को उनके किरदारों के लिए काफी सराहा गया था. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार ‘बर्फी’ के बाद अब ‘जग्गा जासूस’ का हिस्सा बने रणबीर ने एक निजी चैनल के एक शो में कहा, ‘मैं इसे (जग्गा जासूस) लेकर अच्छा महसूस कर रहा हूं. मेरा मानना है कि उन्होंने ‘बर्फी’ से बेहतर फिल्म बनाई है.’ हालांकि निर्देशक अनुराग बासू का कहना है कि उनकी इस नई फिल्म में भी ‘बर्फी’ की तरह ही संगीत का इस्तेमाल किया गया है जो खुशी का अहसास कराने वाला है.
फिल्म ‘जग्गा जासूस’ में रणबीर कपूर और कटरीना कैफ की जोड़ी है, जो जग्गा यानी रणबीर के पिता की तलाश में निकलते हैं. फिल्में कटरीना के किरदार का नाम श्रुति है. फिल्म ‘जग्गा जासूस’ से रणबीर बतौर निर्माता भी शुरुआत कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि निर्माता का काम उनके लिए नहीं बना है. उन्होंने कहा कि उन्हें अभिनय करना पसंद है और वह निर्देशन करना चाहेंगे, लेकिन निर्माता का काम उनके बस की बात नहीं है.
याद दिला दें कि फिल्म ‘बर्फी’ में रणबीर ने गूंगे-बहरे शख्स का किरदार निभाया था, जबकि प्रियंका ने ऑटिस्टक लड़की का किरदार निभाया था. यह एक सच्चे प्रेम की तलाश की कहानी थी. बसु ने कहा कि दोनों फिल्मों की कहानी में काफी समानता है. आईएएनएस के अनुसार अनुराग ने अपने बयान में कहा, ‘यह एक खुशी का अहसास कराने वाली फिल्म है. हमने इसे ‘बर्फी’ की तर्ज पर बनाया. मेरी पूरी टीम भी वही है. मैं फिल्म में अपनी शैली तक में कोई बदलाव नहीं करना चाहता था. मैंने वहीं शैली अपनाने की कोशिश की, जो ‘बर्फी’ में इस्तेमाल किया था, इसलिए आपको फिल्म देखने पर समानता महसूस होगी. हालांकि दोनों की कहानी अलग है.’

दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
