यूपीएससी पास होने पर फाउंडेशन कोर्स, पिछड़ों के अधिकार पर ‘वार’

PC-facebook/pmo

नई दिल्ली। भाजपा सरकार यूपीएससी परीक्षा में बड़ी बदलाव करने की सोच रही है. सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को सेवाओं के आवंटन में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने संबद्ध विभाग से पूछा है कि क्या ‘फाउंडेशन कोर्स’ पूरा होने के बाद सेवा/कैडर का आवंटन किया जा सकता है. हालांकि अभी इसको लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.

पिछड़ों के अधिकारों पर एक और कुठाराघात

इस बात को लेकर जानकारों का कहना है कि आरक्षण और दलित, पिछड़ों के अधिकारों पर एक और छाती फाड़ कुठाराघात भाजपा सरकार करने की तैयारी कर रही है. भाजपा सरकार ने UPSC की सिविल सेवा में सफल परीक्षार्थी की मेरिट लिस्ट को ताक पर रख कर ऐसा विचार बनाया है. सिविल सर्विस का कैडर अलॉटमेंट यूपीएससी की मेरिट लिस्ट के अनुसार हितकर है. इसमें बड़ी संख्या में दलित, ओबीसी अच्छा रैंक लेकर आते हैं. लेकिन अब उत्तीर्ण कैंडिडेट को एक 3 महीने का फाउंडेशन कोर्स यदि लागू हो जाता है तो बहुत संभावना है कि इसमें हेरा फेरी होगी. दलित, ओबीसी को चिन्हित करके कम अंक देकर मेरिट लिस्ट में पीछे धकेल दिए जाएंगे. जैसा सुब्रमण्यम स्वामी कहते हैं कि आरक्षण को खत्म नहीं महत्वहीन कर दिया जाएगा, ये उसी दिशा मे लिया गया एक मनुवादी मानसिकता का कदम है. धीरे-धीरे भाजपा सरकार आरक्षण को महत्वहीन बना रही है.

Read Also-वाइस चांसलर पदों पर ST/SC/OBC ना के बराबर

  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.