जातिवादियों ने दलित समाज की लड़की को स्कूल जाने से रोका

 प्रदेश के बच्चों से खुद को मामा कहलवाने के शौकीन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज में उनकी ‘दलित भांजी’ को स्कूल नहीं जाने दिया जा रहा। लड़की और उसके घरवालों ने जब इसका विरोध किया तो उनके साथ जातिवादी गुंडों ने मारपीट की। मामला शाजापुर जिले के बावलियाखेड़ी गांव का है, जहां 16 वर्षीय छात्रा लक्ष्मी मेवाड़ को स्कूल जाने को रोका गया।

दरअसल लक्ष्मी पढ़ना चाहती है। आगे बढ़ना चाहती है। परिवार और देश की सेवा करना चाहती है। लेकिन गांव के कथित ऊंची जाति के गुंडों को यह रास नहीं आ रहा था। स्कूल से लौटते समय इन गुंडों ने लक्ष्मी का रास्ता रोक लिया और उससे कहा कि गांव की लड़कियां स्कूल नहीं जाती, तू क्यों जाती है? लक्ष्मी ने कहा- जाउंगी, और उसके भाई ने भी बहन का पक्ष लिया। इसके बाद लक्ष्मी के भाई से मारपीट की गई। गुंडे पक्ष के लोगों को दलित समाज के बच्चों का इस तरह जवाब देना या यूं कहें कि नाफरमानी करना, रास नहीं आया। उस पक्ष के कई लोग एक साथ बच्चों पर टूट पड़े। इसमें छात्रा के परिवार के पांच लोग घायल हुए हैं, जो जिला अस्पताल में भर्ती हैं। उधर, आरोपी फरार है।

छात्रा लक्ष्मी मेवाड़ (16) ने बताया कि गांव के कुछ लोग उसके स्कूल जाने से खुश नहीं हैं। वे उसे स्कूल जाने से मना करते हैं। उसने बताया कि जब मैं स्कूल से लौट रही थी तो गांव के ही माखन, कुंदन और धर्मेंद्र सिंह ने मेरा रास्ता रोक लिया। उन्होंने कहा – हमारे गांव में लड़कियां स्कूल नहीं जाती, तुम भी नहीं जाओगी। यह बात मेरे भाई ने सुनी तो उसने विरोध करते हुए कहा – मेरी बहन तो पढ़ने जाएगी।

 विवाद में 55 साल के नारायण मेवाड़, 50 साल की अंतर बाई, 25 साल के लखन परिहार, 27 साल के कमल मेवाड़ और 16 साल के सचिन को चोट आई है। कोतवाली थाना प्रभारी एके शेषा ने बताया पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

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