झुंझुनू। राजस्थान के झुंझुनू स्थित सौती गांव में एक दलित परिवार को अपनी मृत मां के शव का दाह संस्कार तक नहीं करने दिया. इतना ही नहीं दाह संस्कार करने से रोकने के लिए गांव के ही कुछ लोगों ने महिला की चिता पर मिट्टी डालकर बुझा दिया. वहीं मृतक महिला के परिजनों के साथ मारपीट तक कर डाली, जिससे गांव में तनाव का माहौल हो गया.
गांव के उच्च जाति के लोगों की गुंडई का शिकार हुए दलित परिवार के लोगों ने जिला कलेक्टर और एसपी के पास पहुंचकर गुहार लगाई. इसके बाद प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में दलित वृद्धा का दाह संस्कार हो पाया. गांव के महेंद्र और लीलाधर मेघवाल की मां का देहांत हो गया था. परिजन शव को लेकर गांव के ही जोहड़ में पहुंचे और यहां पर चिता को मुखाग्नि दी.
इसके तुरंत बाद गांव के जाट समाज के लोग जोहड़ में पहुंच गए और उन्होंने दाह संस्कार करने से मना कर दिया. गुंडई दिखाते हुए दलित समाज के लोगों से मारपीट करने लगे. फावड़ों से मिट्टी डालकर जलती हुई चिता को बुझा दिया. इसके बाद गांव में माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया.
इसके बाद दलित समाज के लोग झुंझनू मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट पर पहुंचे और प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को पूरे प्रकरण से अवगत कराया. कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस को घटना स्थल पर भेजा गया, जिसके बाद पुलिस की मौजूदगी में वृद्धा का दाह संस्कार किया गया. गांव के महिपाल, राजेंद्र, जुगलाल, वीरेंद्र, प्रकाश सहित ग्रामीणों व महिलाओं पर आरोप लगाया गया है.
सौती गांव में दलित परिवारों की संख्या काफी है. दलितों के पास गांव श्मशान भूमि नहीं है. पहले तो गांव के दलित परिवार बीहड़ में दाह संस्कार किया करते थे. इसके बाद गांव के जोहड़ में दाह संस्कार करना शुरू कर दिया.

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