बिहार के औरंगाबाद में वोट नहीं देने का आरोप लगाकर दलित समाज के लोगों को थूक कर चाटने को मजबूर करने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक और घटना सामने आ गई है। बिहार के ही छपरा जिले में वोट नहीं देने का आरोप लगाते हुए सामंती जातिवादी गुंडों ने दलित समाज के अनाजों में आग लगा दी, और उनके घर के आस-पास गड्ढा खोद दिया।
प्रखण्ड में पंचायत चुनाव 8 दिसंबर को हुआ था, जिसका नतीजा 10 और 11 दिसंबर को सामने आया। प्रखण्ड के अमनौर कल्याण पंचायत में मिश्र टोला सहादी में मुखिया पद के लिए खड़ी प्रत्याशी सीमा देवी चुनाव हार गई। बस यही सीमा देवी के पति ओमप्रकाश सिंह को हजम नहीं हुआ। पहले इस सामंती जातिवादी गुंडे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर चमार समुदाय के लोगों पर वोट नहीं देने का आरोप लगाते हुए उनके घर के चारो ओर जेसीबी से गड्ढा खुदवा दिया। जब इससे भी उस सामंती गुंडे का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उसने दलितों को मजदूरी में मिले धान में आग लगा दी। जब पीड़ित अपने अनाज को बचाने गए तो उनके साथ मारपीट की गई।
इस संबंध में पीड़ितों ने अमनौर थाने में गुंडई करने का आरोप लगाकर मुखिया प्रत्याशी सीमा देवी व उसके पति पैक्स अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह समेत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ आवेदन देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की। लेकिन दलित समाज का आरोप है कि एफआईआर दर्ज नहीं किया जा रहा है। पीड़ितों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन मामले की लीपापोती करने में जुट गई है। इसी बीच स्थानीय भीम आर्मी के सदस्यों ने पीड़ितों से मुलाकात की है, जिससे यह बड़ा मुद्दा बन गया है। सवाल है कि जातिवादी गुंडे आखिर कब तक दलितो को अपनी रियाया समझते रहेंगे? और स्थानीय प्रशासन कब तक कमजोरों के साथ खड़े होने की बजाय अत्याचारियों की पिछलग्गू बनी रहेगी।

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