
तिरुवनंतपुरम। केरल में किन्नर जश्न मना रहे हैं. राज्य सरकार ने आदेश जारी कर विश्वविद्यालयों और राज्य के मान्यता प्राप्त कला एवं विज्ञान कॉलेजों में हर पाठ्यक्रम के लिए दो सीट विशेष तौर पर किन्नरों के लिए आरक्षित की है. प्राप्त जानकारी के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि ट्रांसजेंडर या किन्नरों के लिए आरक्षित सीटों पर नामांकन योग्यता पूरा होने पर ही इसका लाभ मिलेगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य हाशिये पर चल रहे समूहों को उच्च शिक्षा में बेहतर अवसर उपलब्ध कराना और समाज की मुख्य धारा में लाना है.
आदेश में कहा गया है , ‘सामाजिक कारणों से इन छात्रों को या तो पढ़ाई छोड़नी पड़ती है या एक शैक्षणिक वर्ष के बाद दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में जाना पड़ता है.’ माकपा नीत एलडीएफ सरकार ने हाल में ऐसे किन्नरों को आश्रय गृह मुहैया कराने का निर्णय किया था जो राज्य साक्षरता मिशन के तहत शिक्षा कार्यक्रमों में शामिल होना चाहते हैं.
मिशन द्वारा हालिया किए गए एक सर्वे में पाया गया था कि ट्रांसजेंडर समुदाय के करीब 50 प्रतिशत सदस्य 1000 और उससे कम मासिक आय में अपना जीवनयापन कर रहे हैं. सर्वे में शामिल 28.53 प्रतिशत की मासिक आय 1000 से 5000 रूपये रही, 19.46 प्रतिशत की 5000 से 10000 रुपये की बीच रही. सर्वेक्षण में शामिल 20.35 प्रतिशत ट्रांसजेंडर बेरोजगार थे, और 30 प्रतिशत से अधिक किसी न किसी प्रकार के स्वरोजगार में थे.
(न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
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