
उत्तर प्रदेश। बसपा प्रमुख मायावती के बाद अब सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव ने सरकारी बंगला को बाय बोल दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने भी अपना सरकारी आवास खाली कर दिया है. इससे पहले मायावती ने बंगला खाली कर चाबी स्पीड पोस्ट से भिजवाई थी.
अखिलेश के पास स्थाई व्यवस्था नहीं
फिलहाल खबर यह भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास स्थाई ठिकाना नहीं है. इसके लिए कुछ समय लग सकता है. इसलिए अखिलेश यादव ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है, जब तक उनके पास रहने के लिए कोई स्थाई व्यवस्था ना हो जाए तब तक उन्हें सरकारी गेस्ट हाउस में रहने दिया जाए. इसके लिए अखिलेश यादव ने गेस्ट हाउस में चार कमरे देने का अनुरोध किया है.
अखिलेश यादव ने राज्य संपत्ति विभाग को लिखे पत्र में कहा है कि सरकारी गेस्ट हाउस में पार्टी के कार्यों के लिए एक कमरा मेरे लिए, एक कमरा कन्नौज से सांसद डिम्पल यादव के लिए और दो कमरे राज्यसभा सांसद संजय सेठ और सुंदर नागर के लिए 31 मई से बुक कर दिया जाए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आने के बाद अखिलेश यादव ने आवास बनाने के लिए दो साल का समय मांगा था जिसको लेकर याचिका दायर की जो अबतक सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद राज्य सरकार के संपत्ति विभाग ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन के अन्दर सरकारी आवास खाली करने की नोटिस दे दी थी. राजनाथ सिंह ने भी अपने सरकारी आवास खाली कर दिए हैं.
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