एल. आर. बाली यानी लाहौरी राम बाली को आप भीम पत्रिका के संपादक के रूप में जानते हैं। लेकिन असल में वह एक संस्थान हैं। 91 साल के बाली जी पिछले 50 से ज्यादा सालों से ‘भीम पत्रिका’ प्रकाशित कर रहे हैं। उन्होंने RPI के नेता के रूप में काम किया है। आज हम जो बाबासाहेब के लिखे को हर भाषा में पढ़ सकते हैं, (अम्बेडकर वांग्मय), जिसने करोड़ो लोगों को अम्बेडकरवादी बनाया, उसको सरकार से प्रकाशित करवाने के लिए आंदोलन करने वाले शख्स का नाम L.R Bali ही है। आपने ‘रंगीला गाँधी’ किताब का नाम सुना होगा, उसके लेखक भी बाली जी ही हैं। बाबासाहेब के आखिरी सालों में 6 वर्षों तक उनके संपर्क में रहें। हाल ही में अपने जालंधर दौरे के दौरान उनका इंटरव्यू किया। लिंक पर जाकर आप भी देखिये, यह इंटरव्यू-
अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।


Great personality..🙏 jai bheem jai bharat