अयोध्या मंदिर विवाद में जमीन मिले तो बनेगी ‘मस्जिद-ए-अमन’

लखनऊ। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अयोध्या मामले एक और नया बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद बनी थी. शरीयत इजाजत नहीं देता कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनायी जाए. हमने विवादित परिसर से अलग जमीन मांगी है ताकि वहां मस्जिद बनायी जा सके.

वसीम रिजवी ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि हम मानते हैं कि वहां मंदिर था उसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई. पुरातत्व विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट में यही कहा है. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के नियमों के अनुसार मस्जिद की जमीन किसी और को ट्रांसफर नहीं की जा सकती. मौजूदा समय में वहां मस्जिद नहीं है. उस परिसर में राम की मूर्ति स्थापित है. वहां पूजा पाठ भी हो रहा है. वहां मूर्ति स्थापित हो गई तो उस जगह पर अब मस्जिद कैसे हो सकती है.

वसीम ने कहा कि मुगलों ने जबरन वहां मस्जिद बनाई थी. मीर बाकी ने बल प्रयोग करके मस्जिद बनायी और बाबर का नाम दे दिया. उन्होंने कहा कि हम जो नई जमीन पर मस्जिद बनाएंगे उसे ‘मस्जिद-ए-अमन’ नाम देंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अगर हमारे सुझावों पर ध्यान दिया और हमें नई जमीन मिली तो हम मस्जिद का नाम किसी आक्रांताओं के नाम पर नहीं रखेंगे.

रिजवी ने कहा कि हम और फसाद नहीं चाहते मस्जिद शिया है या सुन्नी इस पर इस पर वसीम बोले जब सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पंजीकरण को ही चुनौती दी है तो मस्जिद उनकी कैसे. मीर बाकी शिया था इसलिए भी यह शिया मस्जिद है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.