पटना। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव अपने तीन दिन की यात्रा पर बिहार आ रहे हैं. यहां वे जनता के बीच जाकर गठबंधन टूटने के कारणों और उसके बारे में जनता का निर्णय जानने की कोशिश करेंगे.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शरद पार्टी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उन्होंने अपनी यात्रा की जानकारी पार्टी को नहीं दी है, इस वजह से पार्टी उनपर बड़ी कार्रवाई कर सकती है. जदयू ने एक नोटिस भी जारी किया है जिसमें कहा गया है कि जो भी कार्यकर्ता शरद के कार्यक्रम में जाएगा उसपर पार्टी कड़ी कार्रवाई करेगी.वहीं, उनके आने से पहले जदयू से निकाले गए गुजरात के पार्टी महासचिव अरुण श्रीवास्तव भी आज सुबह पटना पहुंचे हैं. हालांकि शरद के बिहार दौरे को लेकर जदयू ने कहा है कि वो उनका अपना निजी दौरा है और पार्टी को इससे कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि शरद को पार्टी से इस बारे में बात करनी चाहिए थी.
बता दें कि, बिहार में महागठबंधन टूटने और उसके बाद भाजपा से हाथ मिलाकर नीतीश कुमार के राजनीतिक पालाबदल पर शरद खासे नाराज चल रहे हैं और अपना बिहार दौरा शुरू करने से पहले भी उन्होंने कहा कि महागठबंधन के टूटने से मुझे बड़ी चोट पहुंची है. खास तौर पर बिहार की 11 करोड़ जनता का भरोसा टूटा है. उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार को बधाई भी दी है जिससे पार्टी की नाराजगी उन्हें झेलनी पड़ सकती है. शरद ने कहा है कि हमारे अथक प्रयास से महागठबंधन बना था. हमने तीन हेलीकाप्टर से भाजपा के 26 हेलीकाप्टर का मुकाबला किया था. परिस्थिति विकट है और मैं जब भी परेशान होता हूं जब मन के अंधेरे से घिर जाता हूं तो उजाले के लिए लोगों के बीच जाता हूं और इसीलिए बिहार दौरा कर रहा हूं.
शरद के इस कड़े बयान के तुरंत बाद जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी की प्रतिक्रिया आई. त्यागी ने उम्मीद जताई कि शरद जदयू को कमजोर करने वाला आचरण नहीं करेंगे. हालांकि त्यागी ने यह भी जोड़ा कि पार्टी के खिलाफ किसी की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
दूसरी ओर शरद के दौरे को लेकर लालू यादव ने भी बड़ा बयान दिया और कहा कि शरद यादव की पार्टी ही जदयू की असली पार्टी है और नीतीश की पार्टी तो जदयू ‘बी’ है, शरद यादव के साथ हमारा गठबंधन था और रहेगा. इस बयान के बाद अटकलबाजी का दौर भी शुरू हो गया है. साथ ही, लालू ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वो शरद यादव के पटना पहुंचते ही उनपर हमला करवा सकते हैं. शरद के बिहार दौरे को लेकर गड़बड़ी की आशंका वाले लालू प्रसाद के बयान पर जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि ऐसा कहीं कुछ होता है, तो इसके लिए राजद और लालू प्रसाद जिम्मेदार माने जाएंगे. जदयू कार्यकर्ताओं को इसे लेकर सतर्क रहना चाहिए.
पार्टी के प्रवक्ता निखिल रंजन ने कहा कि शरद यादव को जल्द ही पता चल जाएगा कि नीतीश कुमार का फैसला सही था. उन्होंने कहा कि आज कैसे शरद के आदर्श तेजस्वी और तेजप्रताप यादव हो गए हैं, समाजवादी नेता भ्रष्टाचारियों के साथ होगा ये दुखद है. उन्होंने कहा कि शरद यादव की यात्रा से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. शरद यादव की पहली सभा सारण जिले के सोनपुर में होगी. वह नीतीश कुमार के भाजपा से हाथ मिलाने के फैसले से नाराज हैं और इस मुद्दे को लेकर वह जनता से सीधा संवाद करेंगे. तीन दिनों के दौरान वह आठ जिलों में जाएंगे. शरद दिल्ली से गुरुवार को पटना आएंगे और एयरपोर्ट से ही सोनपुर के लिए रवाना हो जाएंगे.
शरद यादव ने अपने इस कार्यक्रम का नाम ‘जनता से सीधा संवाद’ रखा है. जिन जिलों का वह दौरा करेंगे उनमें सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा एवं मधेपुरा शामिल हैं.
शरद यादव के इस दौरे को जदयू पार्टी विरोधी गतिविधि मान रहा है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि यह मुद्दा जदयू की 19 अगस्त को आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उठ सकता है. उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है. वैसे, शरद यादव भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में मौजूद रहेंगे. वह इस आशय की घोषणा पहले की कर चुके हैं. जदयू के भाजपा से हाथ मिलाने के बावजूद शरद यादव लगातार भाजपा पर हमलावर हैं. वह राज्यसभा में भी विभिन्न मुद्दों पर केंद्र की राजग सरकार को घेर रहे हैं.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि महागठबंधन से नाता तोडऩे का फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पार्टी के अंदर विमर्श के बाद सर्वसम्मति से लिया था. ऐसे में इस निर्णय के खिलाफ आवाज उठाना पार्टी विरोधी गतिविधि मानी जाएगी. पार्टी के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि लगता है शरद यादव ने अपना अलग रास्ता चुन लिया है.
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