अम्बेडकरी समाज से ताल्लुक रखने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के दिव्यांग तैराक सतेन्द्र सिंह लोहिया के पदकों की लिस्ट में एक और महत्वपूर्ण सम्मान जुड़ गया है। युवा एवं खेल मंत्रालय ने सतेन्द्र सिंह को तेनजिंग नौरगे नेशनल एडवेंचर अवार्ड (Tenzing Norgay National Award) 2019 देने की घोषणा की है। यह अवार्ड अर्जुन अवार्ड के समकक्ष होता है। आमतौर पर यह अवार्ड सेना के जवानों (जल, थल और वायु) को दिया जाता है। लेकिन खास बात यह है कि देश में पहली बार किसी पैरा खिलाड़ी को यह अवार्ड देने की घोषणा की गई है।
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इस अवार्ड की घोषणा 18 अगस्त को की गई। हर साल दिया जाने वाला यह अवार्ड खेल दिवस (मेजर ध्यानचंद जयंती) के मौके पर 29 अगस्त को राष्ट्रपति द्वारा दरबार भवन में दिया जाता है। यह अवार्ड तीन कैटेगरी में दिया जाता है, जिसमें एडवेंचरस स्पोर्ट्स शामिल होता है। पहली बार यह पैरा खिलाड़ी को मिल रहा है। इस अवार्ड में अर्जुन अवार्ड की तरह ही पांच लाख रुपये नकद, एक शिल्ड और ब्लेजर दिया जाएगा। साथ ही प्रसस्ति पत्र भी दिया जाता है।
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गौरतलब है कि सतेन्द्र जाटव को इससे पहले मध्यप्रदेश सरकार का सबसे प्रतिष्ठित विक्रम अवार्ड (2014) में और भारत सरकार द्वारा बेस्ट स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर (दिव्यांग कैटेगरी) अवार्ड (2019) में मिल चुका है। विशेष बात यह है कि सतेन्द्र सिंह व्हीलचेयर पर रहते हैं और 70 फीसदी दिव्यांग हैं। ऐसे में सतेन्द्र का जीवन कईयों के लिए प्रेरणा स्रोत है। हालांकि सतेन्द्र सिंह अपना प्रेरणास्रोत कांशीराम जी को मानते हैं। सतेन्द्र सिंह का कहना है कि मान्यवर कांशीराम जी हमेशा कहा करते थे कि जिसकी तमन्ना सच्ची हो उसे रास्ते मिल जाते हैं, और जिसकी तमन्ना सच्ची नहीं हो उसे बहाने मिल जाते हैं। इस वाक्य को जीवन में उतारते हुए सतेन्द्र सिंह ने दिव्यांगता को कभी अपनी कमी नहीं मानी और हर मुकाम हासिल किया। सतेन्द्र इसके पहले इंग्लिश चैनल और कैटलिना चैनल को भी पार कर चुके हैं। आप भी सतेन्द्र जी से प्रेरणा ले सकते हैं। बधाई सतेन्द्र।
विगत 17 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय अशोक दास अंबेडकरवादी पत्रकारिता का प्रमुख चेहरा हैं। उन्होंने साल 2012 में ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ की नींव रखी। वह दलित दस्तक के फाउंडर और संपादक हैं, जो कि मासिक पत्रिका, वेबसाइट और यू-ट्यूब के जरिये वंचितों की आवाज को मजबूती देती है। उनके काम को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई में सराहा जा चुका है। वंचित समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं, जिनमें DW (जर्मनी) सहित The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspapers (जापान), The Week (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत), फारवर्ड प्रेस (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं।
अशोक दास दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में साल 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता (Investigative Journalism) के सबसे बड़े संगठन Global Investigative Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग में आयोजित कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है। वह साल 2023 में कनाडा में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस में भी विशेष आमंत्रित अतिथि के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दुबई के अंबेडकरवादी संगठन भी उन्हें दुबई में आमंत्रित कर चुके हैं। 14 अक्टूबर 2023 को अमेरिका के वाशिंगटन डीसी के पास मैरीलैंड में बाबासाहेब की आदमकद प्रतिमा का अनावरण अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर नाम के संगठन द्वारा किया गया, इस आयोजन में भारत से एकमात्र अशोक दास को ही इसकी कवरेज के लिए आमंत्रित किया गया था। इस तरह अशोक, दलित दस्तक के काम को दुनिया भर में ले जाने में कामयाब रहे हैं। ‘आउटलुक’ मैगजीन अशोक दास का नाम वंचितों के लिए काम करने वाले भारत के 50 दलितों की सूची में शामिल कर चुकी है।
उन्हें प्रभाष जोशी पत्रकारिता सम्मान से नवाजा जा चुका है। 31 जनवरी 2020 को डॉ. आंबेडकर द्वारा प्रकाशित पहले पत्र ‘मूकनायक’ के 100 वर्ष पूरा होने पर अशोक दास और दलित दस्तक ने दिल्ली में एक भव्य़ कार्यक्रम आयोजित कर जहां डॉ. आंबेडकर को एक पत्रकार के रूप में याद किया। इससे अंबेडकरवादी पत्रकारिता को नई धार मिली।
अशोक दास एक लेखक भी हैं। उन्होंने 50 बहुजन नायक सहित उन्होंने तीन पुस्तकें लिखी है और दो पुस्तकों का संपादक किया है। ‘दास पब्लिकेशन’ नाम से वह प्रकाशन संस्थान भी चलाते हैं।
साल 2006 में भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), दिल्ली से पत्रकारिता में डिप्लोमा लेने के बाद और दलित दस्तक की स्थापना से पहले अशोक दास लोकमत, अमर-उजाला, देशोन्नति और भड़ास4मीडिया जैसे प्रिंट और डिजिटल संस्थानों में आठ सालों तक काम कर चुके हैं। इस दौरान वह भारत की राजनीति, राजनीतिक दल और भारतीय संसद की रिपोर्टिंग कर चुके हैं। अशोक दास का उद्देश वंचित समाज के लिए एक दैनिक समाचार पत्र और 24 घंटे का एक न्यूज चैनल स्थापित करने का है।