वो 6 लोग जिनकी वजह से सलाखों के पीछे पहुंचा गुरमीत राम रहीम

बलात्कारी बाबा राम रहीम को जेल के पीछे पहुंचाना इतना आसान नहीं था. लगभग आधे दर्जन लोग तमाम दबावों के बीच डेढ़ दशक तक बाबा के खिलाफ डटे रहे, तब जाकर अध्यात्म और भगवान के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाने वाले गुरमीत राम रहीम को इस मामले में दोषी ठहराया जा सका. हालांकि बाबा को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने में कई लोगों का योगदान रहा है. जान जोख़िम में डालकर अपने साथ हुए अन्याय की लड़ाई लड़ने वाली दो साध्वियों से लेकर सीबीआई के जांच अधिकारियों तक ने इस मामले में बेहद बड़ा ख़तरा मोल लिया.

आइये जानते हैं उन लोगों के बारे में जिनकी वजह से राम रहीम को सजा हुई.

1 – वो दो साध्वियां जिन्होंने अपनी परवाह नहीं की
इस मामले में दो साध्वियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जुलाई 2002 एक गुमनाम पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने अपने साथ हुए अन्याय का जिक्र किया. बाबा राम रहीम पर बलात्कार का जो आरोप साबित हुआ है, उसकी शुरुआत 2002 से हुई. 2002 में ही यह बात सामने आई थी कि बाबा गुरमीत राम रहीम ने दो साध्वियों के साथ बलात्कार किया था. इन दोनों साध्वियों ने करीब 15 साल तक लड़ाई लड़ी और आखिरकार अब सीबीआई कोर्ट ने बाबा राम रहीम को दोषी करार दिया है.

2 – पत्रकार रामचंद्र छत्रपति
साल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने ही अपने अखबार के जरिए दो साध्वियों से रेप होने की घटना को उजागर किया था. रामचंद्र के ही अखबार पूरा सच में पहली बार साध्वी की उस चिट्ठी को छापा गया था. आपको बता दें कि चिट्ठी छापने के कुछ समय बाद ही उनकी हत्या कर दी गई और रामचंद्र की हत्या का आरोप भी बाबा गुरमीत राम रहीम पर है. रामचंद्र छत्रपति की 24 अक्टूबर 2002 में उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

3 – जांच अधिकारी सतीश डागर और मुलिंजो नारायनन
सीबीआई बीते कई सालों से गुरमीत राम रहीम के ख़िलाफ़ जांच कर रही थी. इस दौरान सीबीआई पर कई बार उच्चाधिकारियों से लेकर राजनीतिक स्तर पर दबाव बनाए गए. लेकिन सीबीआई के जांच अधिकारी सतीश डागर और मुलिंजो नारायनन ने किसी दवाब की परवाह किए बिना इस मामले में जांच जारी रखी. राम चंदेर के बेटे अंशुल ने बताया कि अगर सीबीआई के डीएसपी सतीश डागर नहीं होते तो शायद कभी भी इंसाफ नहीं मिल पाता. वह सतीश डागर ही थे, जिन्होंने साध्वियों को समझाया और अपनी लड़ाई लड़ने के लिए उन्हें प्रेरित किया.

4 – सीबीआई जज जगदीप सिंह
अपने ईमानदार स्वभाव और सख़्त मिज़ाज के लिए चर्चित सीबीआई जज जगदीप सिंह ने इस हाई प्रोफ़ाइल मामले में गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराया है. जगदीप सिंह ने ही रोहतक की जेल में गुरमीत राम रहीम सिंह को सज़ा सुनाई. जगदीप सिंह को पिछले साल ही सीबीआई स्पेशल जज के लिए चुना गया था, जो कि एक न्यायिक ऑफिसर के रूप में दूसरी पोस्ट है.

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