किसान आंदोलन के बीच गोदी मीडिया किसानों और इस आंदोलन को बदनाम करने में जुट गई है। मनुवादी मीडिया कभी किसानों के आंदोलन को खालिस्तानियों से जोड़ रही है, कभी पाकिस्तान से तो कभी चीन से। झूठी तस्वीरें फैलाकर उसके बहाने किसानों को बदनाम करने की साजिश भी रची जा रही है। मोदी और भाजपा सरकार के प्रचार चैनल बन चुके कई चैनल तो अपनी डिबेट में सरकार पर सवाल उठाने की बजाय किसानों पर ही सवाल उठा रहे हैं और उन्हें ही घेरने में जुटे हैं। तमाम चैनल सरकारी प्रवक्ता की तरह बात कर रहे हैं। हाल ही में हवालात का चक्कर लगाकर लौटे अर्णब गोस्वामी भी इनमें से एक है। लेकिन बहस के दौरान किसान नेता राकैश टिकैत ने अर्णब को जो जवाब दिया, उससे अर्नब की बोलती बंद हो गई। यह जवाब खूब वायरल हो रहा है।
हुआ यह कि कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन को लेकर टीवी डिबेट के दौरान अर्नब गोस्वामी भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत से “टुकड़े-टुकड़े गैंग” का जिक्र कर लगातार सवाल दागने लगे। अर्नब का आरोप था कि किसानों के आंदोलन में टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग घुस गए हैं और किसान उन्हें बाहर नहीं निकाल रहे हैं। अर्नब लगातार सवाल दागे जा रहे थे और किसान नेता को बोलने नहीं दे रहे थे। इस पर टिकैत ने कहा, “बात तो सुन लो कि किसी हकीम ने बता रखा है कि बोलते ही रहोगे? टिकैत के इस जवाब को सुनकर अर्नब एक पल को झेंप गए। राकेश टिकैत का यह जवाब खूब वायरल हो रहा है।
दरअसल किसानों के आंदोलन को कुछ मीडिया घरानों द्वारा लगातार सांप्रदायिकता का जामा पहनाने की कोशिश की जा रही है। कोई इसे पाकिस्तान और चीन के समर्थन से चलने वाला आंदोलन बता रहा है तो कोई इसे शाहीन बाग पार्ट- टू कह कर बदनाम करने की साजिश रचने में जुटा है। वहीं दूसरी ओर किसान लगातार अपनी मांगों पर अड़े हैं और ठंड बढ़ने के बावजूद अपनी मांग मंगवाने तक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

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