जोधपुर। भारतीय सेना और पुलिस को छप्पन इंच वाली सरकार देश के लिए अहम बताती है, लेकिन सरकार उनके वेतन में हर महीने कटौती कर रही है. वेतन कटौती से नाराज जवान विरोध जताने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. जवानों ने देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देने से इनकार कर दिया.
दरअसल, राजनाथ सिंह सोमवार को जोधपुर में संक्षिप्त दौरे पर पहुंचे थे. जिन 8 जवानों को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देने जाना था, वे सामूहिक अवकाश पर चले गए. हालांकि बाद में दूसरी टीम भेजकर गृहमंत्री को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया.
जवानों का विरोध करने का यह कोई पहला तरीका नहीं है. इससे पहले भी जोधपुर दौरे पर आए एडीजी एमएल लाठर को भी जवानों ने ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देने से मना कर दिया था. जवानों का कहना है कि जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेंगी. तब तक हम ऐसे ही विरोध करते रहेंगे.
जवानों ने राज्य और केंद्र सरकार से मांग की है कि वेतन से कटौती नहीं की जाए. मैस भत्ता 1600 रु. से बढ़ाकर चार हजार रुपए किए जाए. हार्ड ड्यूटी भत्ता 12% से बढ़ाकर 50% किया जाए. कांस्टेबल की योग्यता 12वीं पास की जाए. बाइक भत्ता 2000 रु. किया जाए. 7वां वेतन आयोग एक जनवरी 2016 से लागू हो.
अब देखना होगा कि सरकार देश के जवानों को कितना महत्व देती है? जो जवान देश की सुरक्षा के लिए दिन रात एक कर देते हैं, क्या सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी?

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