डीडी डेस्क- जिस राजस्थान में दलितों के घोड़ी पर चढ़ने को लेकर बवाल मचाया जाता है, उसी राजस्थान में दलित समाज के दूल्हे ने अपनी दुल्हन को हेलिकॉप्टर में विदाई करा कर जातिवादियों के मुंह पर करारा तमाचा जड़ दिया है।
सड़क की गलियों की बजाय हवा में उड़ान भरने वाले दलित समाज के इस जोड़े ने उन मनुवादियों को जमकर चिढ़ाया है, जो अक्सर घोड़ी चढ़ने वाले दूल्हों की राह में खड़े हो जाते हैं। हालांकि आखिरी समय पर हेलिकॉप्टर खराब बताकर इस जोड़े को हेलिकॉप्टर में उड़ने से रोकने की कोशिश की गई, लेकिन दूल्हे के जिद्दी पिता ने एक लाख रुपये ज्यादा देकर दूसरी कंपनी से हेलिकॉप्टर मंगवा कर एक मिसाल कायम कर दी।
राजस्थान के बाड़मेर जिले के मंसुरिया कॉलोनी की निवासी तिल्लाराम मेघवाल के बेटे तरुण पन्नू की शादी होनी थी। माँ पार्वती की जिद थी कि उनका बेटा दूल्हन को हेलिकॉप्टर में लेकर आए। दूल्हे के पिता तिल्लाराम मेघवाल ने अपने परिवार की इस इच्छा को पूरा करने के लिए 6 लाख रुपये में हेलिकॉप्टर बुक करवा लिया।
मंगलवार को जब दुल्हन को विदा होना था, हेलिकॉप्टर कंपनी ने तकनीकी खराबी बताकर हेलिकॉप्टर भेजने से मना कर दिया। लगा कि अब दुल्हन हेलिकॉप्टर पर विदा नहीं हो पाएगी, लेकिन दूल्हे के पिता तिल्लाराम मेघवाल ने हार नहीं मानी उन्होंने तुरंत दूसरी कंपनी से बात की और एक लाख रुपये ज्यादा देकर हेलिकॉप्टर मंगवा लिया।
राजस्थान के दलित समुदाय की शादी में दुल्हन को इस शाही अंदाज में विदाई की यह घटना कोई आम खबर नहीं है। बल्कि यह दलितों की नई पीढ़ी द्वारा बनी बनाई व्यवस्था को चुनौती देने की बड़ी घटना है। क्योंकि हम जिस राजस्थान की बात कर रहे हैं, उसके बारे में अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स बताते हैं कि पिछले पांच साल में प्रदेश में दलितों को घोड़ी से उतारने के 80 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
साल 2018 में राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने विधानसभा में कहा था कि प्रदेश में बीते तीन साल में दलित दूल्हों को घोड़ी पर चढ़ने से रोकने की 38 घटनाओं में मुकदमें दर्ज हुए हैं। निश्चित तौर पर उस राजस्थान में दुल्हन की हेलिकॉप्टर से विदाई बड़ी खबर है। इस घटना ने उन जातिवादियों को मुंह चिढ़ाया है, जो दलितों को शादियों में घोड़ी पर चढ़ने से रोकते हैं।

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