अमेरिका से भारत के हिंदू संप्रदाय के लोगों द्वारा बनाए जा रहे एक मंदिर के बारे में एक बड़ी खबर आ रही है। आरोप लगाया जा रहा है कि अमेरिका में बन रहे इस सबसे बड़े हिंदू मंदिर में मजदूरों को उचित एवं नियमित मजदूरी दिए बिना उनसे आस्था के आधार पर बेगार करवाई जा रही है। यह मामला न्यूजर्सी का है जहां पर अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन, डिपार्टमेंट ऑफ होम सिक्योरिटी एवं अमेरिका के लेबर डिपार्टमेंट ने जांच के उद्देश्य से यह छापा मारा है। यह छापा स्वामीनारायण संप्रदाय के ‘बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्थान’ पर मारा गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि मंदिर में काम करने वाले अधिकांश लोग दलित समुदाय के हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस रेड के बाद निर्माण स्थल पर से 90 मजदूरों को अमेरिका की सेंट्रल एजेंसी के द्वारा काम से हटाया गया है। मंगलवार 11 मई को अमेरिका के न्यूजर्सी की ‘नेवार्क कोर्ट’ में इस मंदिर में काम करने वाले 6 मजदूरों ने अपील की और शिकायत की थी कि उनसे बेगार कराई जा रही है। मजदूरों ने आरोप लगाया है कि उन्हें भारत से अमेरिका इसी मंदिर में काम करने के लिए लाया गया है। यह मंदिर ‘रॉबिंसविले न्यूजर्सी’ में स्थित है। मजदूरों का आरोप है कि उन्हें बहुत कम पगार दी जा रही है। अमेरिका में एक घंटे के लिए काम के लिए जितना पैसा दिया जाता है, उन्हें उसका केवल 10% ही दिया जा रहा है। इसके अलावा उन्हें लंबे घंटो तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। मजदूरों ने यह भी कहा कि उनके पासपोर्ट मंदिर प्रशासन द्वारा जब्त कर लिए गए हैं।
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