नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने कार्यकाल के पहली फांसी की सजा पर दया याचिका खारिज कर दी है. करीब दस माह तक चर्चा करने के बाद राष्ट्रपति ने दया याचिका को खारिज किया. पीड़ित परिवार को न्याय देने के लिए कुख्यात दोषी को फांसी की सजा सुनाई गई थी.
छह लोगों को जलाने का मामला
यह मामला बिहार के एक परिवार के छह दलित लोगों की हत्या का है. बता दें कि भैंस चुराने के आरोप से शुरू हुआ विवाद छह लोगों की हत्या के बाद थमा था. जगत राय पर विजेंद्र महतो ने भैंस चुराने का आरोप लगाया था. इस बात से जगत राय भड़क उठा और विजेंद्र महतो के परिवार को सोते समय जला दिया. इस घटना में विजेंद्र महतो की पत्नी और उसके पांच बच्चे जलकर मर गए.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पांच सला पहले ही जगत राय को फांसी दिए जाने की सजा को रोकने से मना कर दिया था. जिसके बाद उसने राष्ट्रपति से दया याचिका की गुहार लगाई थी. अमर उजाला की खबर के मुताबिक राष्ट्रपति ने मंगलवार को फांसी की दया याचिका को खारिज कर दी है.
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