हाल के दिनों में कांग्रेस शासित राजस्थान में दलितों के उपर अत्याचार की घटनाओं में अत्याधिक वृद्धि देखी गई है। गत 15 मार्च को ही पाली जिले में स्वास्थ्यकर्मी रहे जितेंद्र मेघवाल की हत्या उनके ही गांव के दबंगों ने केवल इसलिए कर दी थी, क्योंकि दबंगों को जितेंद्र का अच्छे से रहना-सहना पसंद नहीं था। दलितों के खिलाफ अत्याचार का मामला राजस्थान में किस कदर बढ़ रहा है, इसकी ओर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आवाज उठाई है। उन्होंने भारत सरकार से राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
ट्वीटर पर जारी अपने संदेश में उन्होंने कहा है कि “राजस्थान कांग्रेस सरकार में दलितों व आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। हाल ही में डीडवाना व धोलपुर में दलित युवतियों के साथ बलात्कार व अलवर में दलित युवक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या व जोधपुर के पाली में दलित युवक की हत्या ने दलित समाज को झकझोर दिया है।”
आगे उन्होंने कहा कि “इससे यह स्पष्ट है कि राजस्थान में खासकर दलितों व आदिवासियों की सुरक्षा करने में वहां की कांग्रेसी सरकार पूरी तरह से विफल रही है। अतः यह उचित होगा कि इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।”
बहरहाल, राजस्थान में दलितों के खिलाफ अत्याचार की बढ़ती घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि राजस्थान सरकार में सामंती ताकतों के मंसूबे कितने बढ़े हैं। इस संबंध में बसपा प्रमुख मायावती ने स्पष्ट कहा है कि यह केवल इस कारण से हो रहा है क्योंकि एक तरफ तो राजस्थान की गहलोत सरकार दलितों की रक्षा करने में नाकाम है और दूसरी तरफ वह कार्रवाई न कर सामंती ताकतों का मनोबल बढ़ा रही है।
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