पुलिस ने पूछा घर में फुले-आम्बेडकर की तस्वीरें, देवताओं की क्यों नहीं

भीमा-कोरेगांव मामले में पुलिस ने जिन पांच एक्टिविस्टों को गिरफ्तार किया है, उनमें दलित समाज से आने वाले एक्टिविस्ट वरवर राव भी शामिल हैं. वरवर राव एक वामपंथी रुझानों वाले कवि, पत्रकार और एक्टविस्ट हैं. वरवर राव की गिरफ्तारी के मामले में उनकी दोनों बेटियों के घर की भी तलाशी ली गई. इस दौरान उनकी बेटियों से जिस तरह के सवाल पूछे गए, वह पुलिस पर सवाल खड़े करती है.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक वरवर राव की बेटी से पूछताछ के दौरान पुलिस ने कई आपत्तिजनक और गैर जरूरी सवाल पूछे. उनकी बेटी से पूछा गया कि-

“आपके पिता दलित हैं, इसलिए वो किसी परंपरा का पालन नहीं करते हैं. लेकिन आपने कोई गहना या सिंदूर क्यों नहीं लगाया है? आपने एक पारंपरिक गृहिणी की तरह कपड़े क्यों नहीं पहने हैं? क्या बेटी को भी पिता की तरह होना ज़रूरी है?”

वरवर राव के दामाद के. सत्यनारायण से पूछा गया कि ”आपके घर में इतनी किताबें क्यों है? क्या ये आप सारी किताबें पढ़ते हैं? आप इतनी किताबें क्यों पढ़ते हैं? आप मार्क्स और माओ के बारे में किताबें क्यों पढ़ते हैं? आपके घर में फ़ुले और आंबेडकर की तस्वीरें हैं लेकिन देवी-देवताओं की क्यों नहीं?”

के. सत्यनारायण ने बाद में पुलिस के सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी पत्नी से ‘अपमानजनक और मूर्खतापूर्ण सवाल’ पूछे.

पुलिस की छापेमारी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं और इसे गैर कानूनी बताया जा रहा है. वरवर राव के भांजे एन वेणुगोपाल ने आरोप लगाया है कि पुणे पुलिस ने उनके मामा राव के खिलाफ गिरफ्तारी और तलाशी वारंट पेश नहीं किया. वेणुगोपाल ने बुधवार को कहा, ‘पूरी कार्रवाई के अंत में उन्होंने एक पंचनामा दिया लेकिन ये बहुत ही अनुचित और अवैध दस्तावेज़ है.’ उन्होंने दावा किया कि सात पृष्ठों की पंचनामा रिपोर्ट मराठी में लिखी है.

उन्होंने कहा- ‘कानून में पहली चीज़ तो ये है कि अगर किसी भी घर में कोई जब्ती की जाती है इसका विवरण उस भाषा में देना चाहिए जिसे उस घर में रहने वाले लोग समझ सकते हों. इसलिए ये सात पृष्ठों का दस्तावेज़ अवैध है. यहां तक कि अंक भी मराठी में लिखे हुए हैं. इसलिए कोई नहीं जानता कि उसमें क्या है.’ उन्होंने आशंका जाहिर किया कि पुलिस इसमें अपने मुताबिक फेर-बदल कर सकती है.

बताते चलें कि भीमा-कोरेगांव मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने तेलुगू कवि वरवर राव के अलावा वेरनान गोंसाल्विज, अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार किया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन्हें जेल में रखने की बजाय 6 सितंबर तक घर में ही नजरबंद रखने का आदेश दिया है.

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