नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति वैंकैया नायडू पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए पूरे विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा से वॉक आउट कर दिया. वॉक आउट करने वाले दलों में कांग्रेस से लेकर सपा, टीएमसी, आम आदमी पार्टी सहित सभी विपक्ष के दल एकजुट होकर सदन से बाहर आ गए. विपक्ष की इस एकजुटता और वॉक आउट के बाद राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थागित हो गई.
सदन से बाहर आए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्ष के सांसदों का यह काम है कि वह राज्यों से जुड़े जनहित के मुद्दों को नोटिस देकर राज्यसभा के भीतर उठाएं. लेकिन ऐसा कई बार होता है कि मामला इतना जरूरी होता है कि पहले से नोटिस देने की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सकता लेकिन इसके बावजूद परंपरा यह रही है कि अगर मामला संवेदनशील और गंभीर है तो सांसदों को अपनी बात उठाने का मौका मिलता है. लेकिन राज्यसभा में लगातार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है और उन्हें नहीं बोलने दिया जा रहा है. समाजवादी पार्टी सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर सभापति का यही रवैया रहा तो आगे भी हम निर्णय लेंगे कि क्या करना है? पिछले एक सप्ताह से सभापति इसी ढंग से फैसले कर रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सदन के अंदर और सदन के बाहर डेमोक्रेसी का मर्डर हो रहा है. इसलिए सब लोग इकट्ठा होकर यहां पर आए हैं. तो वहीं आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि सभापति सदन को इस ढंग से चला रहे हैं कि सदन के बाहर और भीतर दोनों जगह विपक्ष को बोलने नहीं देना है. आज पूरा सदन ऑर्डर में था. कोई वेल में नहीं गया. आज हम सभी लोग अपनी जगह खड़े होकर अपनी बात कह रहे थे. इसके बावजूद सभापित ने सदन को 2:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. इसका मतलब सरकार का मकसद है कि बाहर और भीतर दोनों जगह विपक्ष को बोलने मत दो.
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