दिल्ली। आंकड़े चाहे जो कहें, भारत में आपको हर ओर गरीबी दिख जाएगी. गांव में फैली मुफलिसी और शहरों की गलियों में मौजूद बजबजाहट इसी गरीबी की कहानी कहता है. भारत का यह हाल क्यों है, एक आंकड़े से इसका खुलासा हो गया है. असल में भारत के सिर्फ एक फीसदी अमीरों के पास कुल संपदा का 73 फीसदी हिस्सा है. दावोस में एक गैर सरकारी संस्था द्वारा जारी एक नए सर्वे में यह जानकारी सामने आई है. इससे यह बात उजागर होती है कि भारत में अमीरी और गरीबी के बीच खाई लगातार बढ़ती जा रही है.
पिछले साल के ऑक्सफेम सर्वे से यह खुलासा हुआ था कि देश के महज 1 फीसदी अमीरों के पास कुल संपदा (wealth) का 58 फीसदी हिस्सा है. इस साल इसमें 15 फीसदी की और बढ़ोतरी हो गई है.सर्वे के अनुसार साल 2017 के दौरान भारत के एक फीसदी अमीरों की संपदा में 20.9 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. यह राशि साल 2017-18 के केंद्र सरकार के कुल बजट के बराबर है.
रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल देश में 17 नए अरबपति बने हैं. इसके बाद अब देश में कुल अरबपतियों की संख्या 101 हो गई है. देश के तमाम राज्यों की जनता जहां शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा का रोना रोती रहती है, वहीं भारतीय अरबपतियों की संपत्ति बढ़कर 20.7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है. यह संपत्ति सभी राज्यों कि स्वास्थ्य और शिक्षा बजट के 85 फीसदी के बराबर है. सरकारें कहती हैं कि देश बढ़ रहा है लेकिन तब क्या हो जब इस बढ़त का लाभ कुछ लोगों की मुठ्ठियों में बंद हो जाए.

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