देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली के एम्स का नर्सिंग स्टॉफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया है। दरअसल नर्स युनियन ने सरकार और एम्स प्रशासन के सामने वेतन बढ़ोतरी समेत अन्य मांगे रखी थी। एक महीने पहले रखी गई मांगों पर कोई साकारात्मक जवाब नहीं मिलने के बाद नर्सिंग स्टॉफ हड़ताल पर चला गया है। एम्स नर्सिंग युनियन का कहना है कि सरकार और एम्स प्रशासन हमारी मांग नहीं मान रहा है, ऐसे में हमारे पास और कोई चारा नहीं था। नर्सिंग यूनियन का यह भी आरोप है कि AIIMS प्रशासन उनसे बात करने को भी तैयार नहीं है।
मामले को सुलझाने की बजाय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाया है। मंत्रालय का कहना है कि हाईकोर्ट का आदेश नहीं मानने वालों पर कार्रवाई होगी। तो दूसरी ओर एम्स प्रशासन ने संविदा यानी कांट्रैक्ट पर नर्सों की भर्ती शुरू कर दी है और इसके लिए अखबारों में विज्ञापन दे दिया गया है।
एम्स नर्सिंग यूनियन (AIIMS Nursing Union) के अध्यक्ष हरीश कुमार काजला ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जाएंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। नर्सों के हड़ताल पर जाने से डॉक्टरों और मरीजों की परेशानी भी बढ़ गई है और देश के सबसे बड़े अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराने लगी है। लेकिन एम्स प्रशासन ने जिस तरह कड़ा रुख अपनाया है, उससे साफ है कि बीच में मुश्किलों का सामना सिर्फ मरीजों को ही करना पड़ेगा।

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