इंडोनेशिया में शनिवार को आई सुनामी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 429 हो गई है और 1,400 से अधिक घायल हुए हैं. देश की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता स्तुपो पूर्वो नुग्रोहो ने कहा कि मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 429 हो गई और कम से कम 128 अन्य लापता हैं.
शवों की खोज में लगे सैनिकों, सरकारी कर्मियों और स्वयंसेवियों को तटों पर फैले मलबे में शव मिले और रोते-बिलखते परिजनों ने शवों की पहचान की. पश्चिमी जावा और दक्षिणी सुमात्रा में तटों को तोड़कर आगे बढ़ी लहरों ने मकानों को नष्ट कर दिया जिससे हजारों लोग बेघर हुए हैं.
बता दें कि अनाक क्राकाटोआ ज्वालामुखी के फटने के बाद शनिवार को स्थानीय समयानुसार रात साढ़े नौ बजे दक्षिणी सुमात्रा और पश्चिमी जावा के पास समुद्र की ऊंची लहरें तटों को पार कर आगे बढ़ीं. इससे सैकड़ों मकान नष्ट हो गए. इस भयावह सुनामी ने चारों तरफ तबाही मचायी, जिसमें जान-माल की काफी क्षति हुई है.
देश की मौसम विज्ञान एवं भूभौतिकी एजेंसी के वैज्ञानिकों ने कहा कि अनाक क्राकाटोआ ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे मची तीव्र हलचल सुनामी की वजह हो सकती है. इंडोनेशिया की भूगर्भीय एजेंसी के मुताबिक, अनाक क्राकाटोआ ज्वालामुखी में बीते कुछ दिनों से राख उड़ने की वजह से कुछ हरकत होने के संकेत मिल रहे थे.
यह विशाल द्वीपसमूह देश पृथ्वी पर सबसे अधिक आपदा संभावित देशों में से एक है, क्योंकि इसकी अवस्थिति प्रशांत अग्नि वलय के दायरे में है, जहां टेक्टोनिक प्लेट आपस में टकराती हैं. इससे पहले सितंबर में सुलावेसी द्वीप पर पालू शहर में आए भूकंप और सुनामी में हजारों लोगों की जान गई थी.
श्रोत:-अमर उजाला
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