बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन दिनों की यात्रा पर दिल्ली में हैं। यहां नीतीश तमाम दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। नीतीश के दिल्ली पहुंचते ही भाजपा में हड़कंप मच गया है तो पीएम नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चौकन्ने हो गए हैं।
दिल्ली में नीतीश कुमार ने सीपीआई के नेता सीताराम येचुरी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले। राहुल गाँधी और नीतीश कुमार के बीच 50 मिनट लंबी मुलाकात हुई है। इसके अलावा नीतीश हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला से गुरुग्राम में मुलाकात करेंगे। नीतीश के सपा नेता मुलायम सिंह यादव से भी मिलने का कार्यक्रम है।
नीतीश कुमार के दिल्ली पहुंचते ही जहाँ भाजपा सतर्क हो गई है तो नीतीश के एक-एक कदम पर पीएम मोदी और अमित शाह की भी नजर है। इससे पहले दिल्ली आने से पहले नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी, जिसका वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है। लग रहा है जैसे नीतीश को पूरा लालू कुनबा मिलकर दिल्ली रवाना कर रहा है।
इधर दिल्ली में मीडिया से बातचीत में नीतीश देश का मॉडल बनाने की बात कर रहे हैं। तो कुछ दिन पहले बिहार जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह कह चुके हैं कि बिहार में जो गठबंधन हुआ है, वह पूरे देश के लिए रोल मॉडल बनेगा और उसी आधार पर 2024 का रोड मैप तैयार किया जाएगा।
निश्चित तौर पर नीतीश की दिल्ली यात्रा और विपक्षी दलों के तमाम नेताओं से उनकी मुलाकात के खास मायने हैं। दरअसल नीतीश कुमार वो चेहरा बन सकते हैं जो विपक्ष को एकजुट कर सकते हैं। उनका ओबीसी होना भी उनके पक्ष में है। 2024 में अब महज डेढ़ साल का वक्त बचा है जो चुनाव के लिहाज से ज्यादा नहीं है। इस चुनाव में हर विपक्षी दल मोदी को रोकना चाहता है। और देश भर में सबको चकमा देने वाली भाजपा को जिस तरह से नीतीश कुमार ने बिहार में चमका दिया, वह अब भी भाजपा के गले में अटका हुआ है। भाजपा को डर है कि जिस तरह नीतीश ने बिहार में उसे चकमा दिया, कहीं राष्ट्रीय राजनीति में भी नीतीश भाजपा के गले की हड्डी न बन जाएं। यह कयास इसलिए भी लग रहा है, क्योंकि नीतीश कुमार…. बिहार की राजनीति से संन्यास लेने का मन बना चुके हैं। और उनकी सम्मानजनक राजनैतिक विदाई तभी संभव है, जब वो दिल्ली में कुछ करिश्मा कर दिखाएं।

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।