एक बार फिर उत्तर प्रदेश में परीक्षा के पेपर लीक हुए हैं। 30 मार्च को यूपी बोर्ड द्वारा इंटर की परीक्षा के दौरान अंग्रेजी विषय का पेपर लीक हो गया। इसके बाद यूपी बोर्ड को सूबे के 24 जिलों में परीक्षा रद्द करनी पड़ी है। इस मामले में राज्य के दो बड़े नेताओं बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
बताते चलें कि यह पहला मौका नहीं है जब सूबे में परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। इन परीक्षाओं में यूपी बोर्ड के द्वारा ली जानेवाली परीक्षाओं के अलावा यूपीपपीएससी की परीक्षाएं भी शामिल हैं। पेपर लीक होने के कारण परीक्षार्थियों को परेशानी झेलनी पड़ती है।
इस मामले में बुधवार को बसपा प्रमुख मायावती ने अपने बयान में कहा है कि “यूपी बोर्ड परीक्षाओं में पेपर लीक होने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज दोपहर इण्टर की अंग्रेजी विषय की परीक्षा होने से पहले पेपर लीक होने के बाद गोरखपुर व वाराणसी सहित प्रदेश के 24 जिलों में परीक्षा रद्द करनी पड़ी है। छात्रों के जीवन से बार-बार ऐसा खिलवाड़ क्या उचित?”
बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि “उत्तर प्रदेश में बार-बार पेपर लीक होने से ऐसा लगता है कि नकल माफिया सरकार की पकड़ व सख्ती से बाहर हैं, किन्तु इस प्रकार की गंभीर घटनाओं से प्रदेश की पूरे देश में होने वाली बदनामी आदि के लिए असली कसूरवार व जवाबदेह कौन?”
बसपा प्रमुख ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की माँग की है। वहीं सपा प्रमुख और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर वार करते हुए कहा है कि “उप्र भाजपा सरकार की दूसरी पारी में भी पेपर लीक करवाने का व्यवसाय बदस्तूर जारी है। युवा कह रहे हैं कि रोज़गार देने में नाकाम भाजपा सरकार जानबूझकर किसी परीक्षा को पूर्ण नहीं होने देना चाहती है।”
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि भाजपा सरकार अपने इन पेपर माफ़ियाओं पर दिखाने के लिए सही, काग़ज़ का ही बुलडोज़र चलवा दे।

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