मेंगलुरू। व्हाट्सएप पर फैले गलत मैसेज का प्रकोप देखने को मिल रहा है. फिर एक जगह पर भीड़ ने पिता को ही शिकार बना लिया. एक मुस्लिम युवक अपने बच्चे के साथ ऑटोरिक्शा में सफर कर रहा था. बच्चा के रोने के कारण लोगों ने समझा की वह बच्चे का अपहरण कर के ले जा रहा है और बिना कुछ पूछे ही पिटाई करने लगे.
दरअसल मामला मेंगलुरू की है. गुरूवार को खालिद (30) नामक एक मुस्लिम युवक अपने दो साल के बच्चे को लेकर जा रहा था. हालांकि खालिद थोड़ा नशे में था तो वह बच्चे को डांट व जरा रहा था जिससे कि बच्चा जोर-जोर से रोने लगा. इस दौरान दो बाइक सवारों ने जब बच्चे को रोते हुए देखा तो वो उसका पीछा करने लगे.
खालिद चाय पीने के लिए जब एक रेस्टोरेंट में गया, तो वहां दोनों बाइकसवारों ने आकर बच्चे के बारे में पूछताछ की. जब खालिद कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका तो दोनों बाइकसवार उसे बच्चा-चोर, बच्चा-चोर… कहकर पीटने लगे. इसके बाद कुछ और लोग भी वहां आ गए और वे भी मारने लगे. खालिद चिल्लाता रहा कि वो उसका पिता है. किसी ने भी उसकी बात नहीं सुनी.
पुलिस को इसकी जानकारी मिलने पर खालिद को भीड़ के चंगुल से निकाला. इसके बाद थाना ले जाकर पुलिस ने उसकी खालिद की पत्नी को बुलाया और इसके बाद जांच आदि के बाद खालिद को छोड़ा गया. पुलिस के मुताबिक, खालिद किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराना नहीं चाहता था, इसलिए पुलिस ने भी कोई केस दर्ज नहीं किया.
गौरतलब है कि व्हाट्सऐप पर ऐसी अफवाहें फैलाई गई कि बच्चा चोरों का एक गैंग इलाके में सक्रिय है. इन्हीं अफवाहों के चलते पिछले कुछ महीनों के दौरान ‘बच्चा चोर’ होने के शक में भीड़ द्वारा पिटाई की 20 से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी है.
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