लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के निर्देश के बाद भी कर्नाटक में सरकार के विश्वास मत के दौरान गायब रहने वाले बसपा विधायक एन महेश को पार्टी से बाहर कर दिया गया. कर्नाटक में सरकार के विश्वास मत के दौरान मायावती का निर्देश था कि बसपा विधायक एन महेश सरकार के पक्ष में मतदान करने सदन में रहें. इसके बाद भी वह सदन में नहीं पहुंचे.
बसपा सुप्रीमो मायावती का निर्देश था कि कर्नाटक में विश्वास मत के दौरान बसपा के विधायक एन महेश रहेंगे. इसके बाद भी बसपा विधायक एन. महेश नदारद रहे और कर्नाटक की सरकार गिर गई. मंगलवार को सदन में मतदान के दौरान एन महेश को सीएम एचडी कुमारस्वामी के पक्ष वोट डालना था. इसके बाद भी वह मतदान करने नहीं पहुंचे और कुमारस्वामी की सरकार विश्वास मत में पिछड़ गई.
कर्नाटक में सत्ता संघर्ष का ड्रामा मंगलवार को बढ़ गया. बसपा ने एसडी कुमारस्वामी के पक्ष में मतदान न करने वाले विधायक एन महेश को बाहर का रासता दिखा दिया. बसपा विधायक एन महेश ने सोमवार को कहा था कि मुझे पार्टी की सुप्रीमो मायावती का निर्देश है कि मैं विश्वास मत के दौरान सदन में उपस्थित रहूं. विधायक महेश के इस कृत्य से प्रदेश सरकार को झटका लगा है. वह पहले से ही अल्पमत में आ चुकी थी.
कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के समर्थन में वोट देने के पार्टी हाईकमान के निर्देश का उल्लंघन करके बीएसपी विधायक एन महेश आज विश्वास मत में अनुपस्थित रहे जो अनुशासनहीनता है जिसे पार्टी ने अति गंभीरता से लिया है और इसलिए श्री महेश को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
— Mayawati (@Mayawati) July 23, 2019
महेश ने कहा था कि मंगलवार को मैं सदन में रहूंगा. इसके बाद भी महेश आज सदन से गायब हो गए. विश्वास मत में कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस(जनता दल सेक्युलर) सरकार गिर गई. सरकार के पक्ष में 99 और विरोध में 105 वोट डाले गए.
महेश के इस कृत्य को बसपा सुप्रीमो मायावती ने घोर अनुशासनहीनता मानते हुए उनको पार्टी से बाहर कर दिया है. बसपा मुखिया ने ट्वीट किया है. मायावती ने लिखा कि कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में वोट देने के पार्टी हाईकमान के निर्देश का उल्लंघन करके बसपा विधायक एन महेश आज विश्वास मत में अनुपस्थित रहे जो अनुशासनहीनता है जिसे पार्टी ने अति गंभीरता से लिया है और इसलिए एन महेश को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.
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