लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती एक कड़ी प्रशासक के रूप में विख्यात रही हैं. उत्तर प्रदेश में आज भी हर समाज के लोग इस बात को मानते हैं कि प्रदेश की सत्ता पर जब भी मायावती बैठीं हो तो वो चैन की नींद सो सकते हैं. सरकार हो या फिर पार्टी मायावती कहीं भी अनुशासनहीनता बर्दास्त नहीं करती हैं. यह एक बार फिर से साबित हो गया है. मायावती ने पार्टी के प्रमुख मुस्लिम नेता और राज्यसभा सांसद मुनकाद अली के बेटे को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. उस पर गुंडागर्दी का आरोप है.
असल में मुनकाद अली के बेटे सलमान खान पर आरोप है कि उसने मेरठ में एक दलित शख्स की दुकान में तोड़-फोड़ किया. घटना के बाद मायावती ने पार्टी के कद्दावर नेता के पक्ष में खड़े होने की बजाय गरीब दलित को इंसाफ देना ज्यादा जरूरी समझा. और सलमान खान को पार्टी से निष्कासित कर दिया. मायावती का यह फैसला इसलिए भी चौंकाता है कि मायावती ने पार्टी के एक बड़े मुस्लिम चेहरे के परिवार के खिलाफ यह कार्रवाई की है.
मुनकाद अली वर्तमान में लखनऊ, वाराणसी और मिर्जापुर में पार्टी के क्षेत्रीय प्रभारी हैं. वहीं खान की पत्नी हाल के दिनों में बसपा के टिकट पर किठौर नगर पंचायत की अध्यक्ष पद का चुनाव जीती हैं. हालांकि सांसद अली ने बेटे पर लगे आरोपों को निराधार बताकर इसे विरोधियों की साजिश बताया है.
उन्होंने कहा- “मैं पार्टी का निर्णय स्वीकार करता हूं. मैं बीएसपी के लिए कार्य करता रहूंगा और उन सभी जिम्मेदारियों को निभाता रहूंगा जो बहनजी (मायावती) मुझे सौपेंगी.
दूसरी तरफ मायावती ने सलमान को पार्टी से निकाले जाने पर कहा है कि उन्होंने कानून तोड़ा है. पहले भी वो ऐसा करते रहे हैं. अगर पार्टी का अन्य कार्यकर्ता कानून अपने हाथ में लेता है तो उसके खिलाफ भी ऐसी ही कार्यवाई की जाएगी. इस कार्रवाई के साथ मायावती ने यह साफ संदेश दे दिया है कि वह पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेंगी.

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