नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम की पुण्यतिथि के मौके पर बसपा प्रमुख मायावती ने उन्हें याद किया. इस मौके पर आम तौर पर लखनऊ में रहने वाली मायावती आगामी चुनावों के कारण दिल्ली में ही मौजूद थीं, जहां उन्होंने पार्टी के केंद्रीय कार्यालय स्थित बहुजन प्रेरणा केंद्र जाकर मान्यवर कांशीराम जी को श्रद्धांजली दी. साथ ही बसपा संस्थापक की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजली देने के लिए देश भर के कार्यकर्ताओं का आभार जताया. इस दौरान उन्होंने आगामी चुनावों को लेकर एक बार फिर अपना संदेश साफ तौर पर दे दिया.
श्रद्धांजली देने के बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने मान्यवर श्री कांशीराम जी के सपनों का भारत बनाने के लिये बीजेपी जैसी घोर जातिवादी, साम्प्रदायिक, अहंकारी व विद्वेषपूर्ण सरकार को सत्ता से बाहर करने के संकल्प को दोहराया. उन्होंने कहा कि बी.एस.पी. दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों एवं सर्वसमाज के गरीबों, मजदूरों, किसानों आदि के सम्मान व स्वाभिमान के साथ कभी भी कोई समझौता नहीं कर सकती, चाहे उसके लिये कांग्रेस व बीजेपी सरकारों का कितना ही विद्वेष व प्रताड़ना झेलना पड़े.
गठबंधन पर एक बार फिर अपने बयान में उन्होंने कहा कि भाजपा को हटाने के लिए ही चुनावी गठबन्धनों के लिये भी हमारी पार्टी ने सम्मानजनक सीटें मिलने मात्र की शर्त रखी. इसका मतलब साफ तौर पर यह है कि गठबन्धन में बी.एस.पी. सीटों के लिए भीख नहीं मांगेगी. ऐसा नहीं होने पर वह अकेले अपने बलबूते पर ही चुनाव लड़ती रहेगी.
उन्होंने ऐलान किया कि बाबासाहेब और कांशीराम जी के बताये रास्ते पर पूरे जी-जान से चलती रहेगी तथा इन मामलों में कभी भी किसी भी ताक़त के आगे ना तो टूटेगी और ना ही झुकेगी, बल्कि हर समस्या व षड़यन्त्र का सामना करते हुये सत्ता की मास्टर चाबी को प्राप्त करने के लिए कोशिश जारी रखेंगी.
पार्टी प्रमुख ने कांग्रेस और भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस व बीजेपी दोनों ही पार्टियां बी.एस.पी. व इसके नेतृत्व को बदनाम व राजनीतिक तौर पर कमजोर करने के लिए साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों का लगातार इस्तेमाल करती रहती हैं. खासकर चुनावों के समय तो यह प्रयास और भी ज़्यादा सघन व विषैला हो जाता है, जिससे काफी ज्यादा सावधान रहने की सख़्त ज़रूरत है.
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