नई दिल्ली। उपवास को लेकर मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर सवाल उठाया है. उन्होंने भाजपा नेताओं द्वारा किए उपवास को… उपवास की पवित्रता का उपहास और राजनीति से प्रेरित बताया है. संसद स्थगन पर उल्टे भाजपा पर ही सवाल उठाते हुए बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया है कि बैंक महाघोटालों, दलितों का घोर उत्पीड़न व लोकसभा में इनकी सरकार के खिलाफ ‘अविश्वास प्रस्ताव’की जवाबदेही से बचने के लिये ही नरेन्द्र मोदी सरकार ने बात-बात पर संसद स्थगन करवाकर संसद नहीं चलने दिया और अब ’उपवास’के बहाने चोरी और सीना जोरी का काम कर रही हैं.
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘उपवास सरकारी गैर-जिम्मेदारी, उसकी निरंकुशता व अहंकार आदि के खिलाफ पीड़ित व त्रस्त जनता के लिये संघर्ष का एक हथियार है. इसके बावजूद भी अगर प्रधानमंत्री मोदी व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अगर उपवास रखने का राजनीतिक फैसला किया है तो उन्हें उन्नाव के बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की काली करतूतों के खिलाफ पश्चाताप का उपवास वाराणसी के गंगा तट पर करना चाहिये था. और इस प्रकार वास्तव में उत्तर प्रदेश में ऐसे व्यापक जंगलराज के लिये उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिये.
बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक सेंगर को गिरफ्तार नहीं करके इसे अचानक सी.बी.आई. जांच कराने का फैसला कर लेने से यह आशंका और ज्यादा बढ़ गयी है कि इतना गंभीर व सनसनीखेज मामला भी मध्य प्रदेश के ‘व्यापम महाघोटाला’आदि काण्डों की तरह दबा दिया जायेगा.

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Madhya Pradesh me vyapam scam CBI ke haath me lekar ek pant do kaaj ho gye, ek to shivrajh Singj modi and company me apne control me le lia or is case me shamil RSS ke bade bade naamo ko bhi bacha liya.
CBI ki credibility dhere dhere kamjoor ki ka rahi hai.