नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत फिर से शुरू करने के रास्ते तलाशे जा रहे हैं. पाकिस्तान की ओर से इस बारे में हाल के दिनों में लगातार कई संकेत मिले हैं. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा है कि भारत के साथ बातचीत भले ही बंद हो, लेकिन सिविल सोसायटी से जुड़े लोग बैक चैनल से बातचीत कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों की कुछ प्रमुख हस्तियां दुबई में मिली हैं, जिन्होंने दो दिन की बैठक के बाद बातचीत के लिए अपनी सरकारों पर जोर डालने का फैसला किया है.
हाल में भारत में पाक के उच्चायुक्त के पद से विदा होते वक्त अब्दुल बासित ने भी कहा था कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार संपर्क में हैं. दोनों देशों की बातचीत फिर किस तरह से शुरू की जाए, इस पर एनएसए अजीत डोभाल और नासिर खान जंजुआ के बीच संपर्क की रिपोर्ट दूसरे सूत्रों से भी मिल रही हैं. कुछ महीने पहले यह रिपोर्ट भी आई थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ के करीबी बताए गए एक भारतीय उद्योगपति ट्रैक-2 बातचीत कर रहे हैं.
यहां विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इस पर कमेंट से इनकार किया है, लेकिन पहले से यह कहा जाता रहा है कि बातचीत का माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाक पर है. सैन्य सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान जल्द से जल्द बातचीत चाहता है, इसमें कोई शक नहीं है. पिछले दिनों एलओसी पर भारी तनाव के बाद दोनों तरफ के डीजीएमओ की बातचीत हुई, उसके बाद से सीजफायर तोड़े जाने कि घटनाओं में कमी आई है. एलओसी पर तनाव के बाद श्रीनगर मुजफ्फराबाद बस सेवा 21 जुलाई को रोक दी गई थी. दोनों देशों के अधिकारियों ने तय किया है कि बस सेवा की बहाली सोमवार से और एलओसी पर कारोबार की बहाली मंगलवार से हो जाएगी। सिंधु जल संधि के विवाद पर भी दोनों देश बातचीत जारी रखने पर सहमत हैं.

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