गोरखपुर के बेजान बच्चों के मां-बाप का दर्द

जरा सोचिए, हाथों में अपने बच्चों के बेजान शरीर को ढ़ोकर ले जाते मां-बाप के मन में क्या चल रहा होगा. अपने बच्चों के जन्म से लेकर उनके शरीर के बेजान होने तक न जाने कितनी बार उन्होंने उसे आसमान की ओर उछाला होगा, गोद में उठाया होगा, चूमा होगा लेकिन सरकारी और संवेदनहीन तंत्र ने उन दर्जनों बच्चों की सांसे छीन ली. बच्चों के बिलखते मां-बाप और परिवारजनों को देखना, अंदर तक इतना टीस दे गया कि उसका दर्द जाने में वक्त लगेगा.
लेकिन क्या सत्ताधारियों को भी फर्क पड़ा होगा? क्या उन लोगों को फर्क पड़ा होगा जो अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाने के जिम्मेदार थे? अगर फर्क नहीं पड़ा तो एक बार गोरखपुर के उस अस्पताल से घूम आओ जहां बच्चों के बेजान शरीर लिए उनके घरवाले रो-रोकर पागल हो रहे हैं. नहीं जा सकते तो टीवी पर ही देख लो. याद रखो, ये बच्चे मरे नहीं हैं, इन्हें तुमलोगों ने मारा है.
सरकारी आदेशः राजस्थान यूनिवर्सिटी में 2 अक्टूबर को नहीं होगी छुट्टी

जयपुुर। राजस्थान के सरकारी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में इस बार दो अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर अवकाश नहीं रहेगा. ये व्यवस्था इसी साल से लागू होगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने ये बात कही है. उन्होंने कहा है कि 2 अक्टूबर के दिन कॉलजों में गांधी जयंती मनाई जाएगी. इसी कारण से अवकाश रद्द किया गया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों सहित सभी संस्थानों को अवकाशों की सूची दो महीने पहले ही भेजी जा चुकी है. अक्टूबर में संस्थानों में मुहर्रम और दीपावाली के अवकाश रहेंगे.
खबरें ये भी हैं कि राज्य सरकार ने सरकारी छुट्टी का नया केलेंडर जारी किया है. इसमें गांधी जयंती को वर्किंग डे दिखाया गया है. जबकि यूनिवर्सिटीज और सरकारी कालेजों के पूर्व शिक्षण कैलेंडर में इस दिन अवकाश घोषित किया गया था.
इस खबर के आने के बाद यह भी कहा गया है कि केवल उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए ही ये कैलेंडर बनाया गया है.
मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत की जांच करेगी बसपा की टीमः मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मृत्यु को यूपी सरकार की लापरवाही बताते हुए निंदा की है. मायावती ने कहा कि यह अत्यंत ही दुखद और दर्दनाक घटना है. इसके लिए भाजपा सरकार की जितनी भर्त्सना की जाए कम है. उन्होंने मांग की है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच हो और पीड़ित परिवार को हर प्रकार की मदद की जाए.
बसपा सुप्रीमों ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सरकार की उदासीनता और अनदेखी के कारण पिछले छह दिनों में 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई. उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के लिए जनहित और जनकल्याण के मामले ज्यादा महत्व नहीं रखते क्योंकि उनके लिए दलित-विरोधी, पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम-विरोधी मामलों के साथ-साथ तिरंगा, वंदेमातरम, मदरसा, व एंटी रोमियो जैसे मुद्दे ज्यादा मायने रखते हैं.
मायावती ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर मांओं की गोद उजड़ने की दर्दनाक घटना उस समय हुई है जब यूपी के मुख्यमंत्री स्वयं गोरखपुर में सरकारी दौरे पर थे और राजनीति व पूजा-पाठ आदि से थोड़ा समय निकालकर सरकारी विभागों के कार्यकलापों की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान आश्चर्यचकित कर देने वाली इस घटना का होना वास्तव में यूपी सरकार की क्षमता और उसकी कार्यप्रणाली की सफलता पर एक नहीं बल्कि सौ सवालिया निशान खड़े करता है.
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि इस दर्दनाक घटना की संवेदनशीलता को गंभीरता से लेते हुए बसपा के तीन सदस्सीय उच्च प्रतिनिधि मण्डल को तत्काल गोरखपुर जाकर अस्पताल का दौरा करने, पीड़ित परिवार को सांत्वना देने तथा उन्हें न्याय पहुंचाने का भरोसा दिलाने का निर्देंश दिया गया है.
मायावती ने कहा कि बसपा यूपी के अध्यक्ष रामअचल राजभर, विधानसभा में बसपा दल के नेता लालजी वर्मा और क्षेत्र के पार्टी प्रभारी दिनेश चन्द्रा गोरखपुर जाकर घटना की जानकारी प्राप्त कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. क्योंकि भाजपा नेतागण सही तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने व जनता को असली मुद्दे से भटकाकर उन्हें गुमराह करने के मामलों में काफी ज़्यादा महारत रखते हैं. वे जनहित की अनदेखी करना, अपनी जिम्मेदारी से भागना और फिर जनता को बहकाना खूब अच्छी तरह से जानते हैं.
बिहार में फिर बन सकती है लालू यादव की सरकार!

पटना। बिहार में बदलते सियासी घटनाक्रम में आने वाले दिनों में बड़ा राजनैतिक परिवर्तन देखने को मिल सकता है. राज्यसभा सांसद अली अनवर को पार्टी से निकालने के बाद शरद यादव को राज्यसभा में जद यू के नेता पद से हटा दिया गया है. वहीं अपने तीन दिवसीय बिहार दौरे में पार्टी कार्यकर्ताओं और विधायकों की नब्ज टटोलने के बाद दिल्ली लौटकर शरद यादव बड़ा फैसला कर सकते हैं.
जिस तरह से नीतीश कुमार और शरद यादव आमने-सामने आ गए हैं, उसमें अभी शरद यादव खेमे की कोशिश नीतीश कुमार और भाजपा गठबंधन की सरकार को गिराने की है. शरद खेमे के सूत्रों की माने तो यह खेमा बिहार में वापस लालू यादव और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की रणनीति पर काम भी करने लगा है. बिहार में राजद और कांग्रेस पार्टी को मिलाकर देखें तो यह बहुत मुश्किल भी नहीं दिख रहा है.
भाजपा के समर्थन से सरकार बनाते हुए नीतीश कुमार ने 131 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा था. विश्वास मत के दौरान नीतीश के पक्ष में 131 और विपक्ष में 108 वोट पड़ें थे. 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरूरत है. ऐसे में विपक्षी खेमा जिसमें लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पार्टी है, उसमें अगर शरद यादव खेमे से 14 से 15 विधायक आ जाते हैं तो एक बार फिर बिहार का राजनैतिक परिदृश्य बदल सकता है.
खबर से संबंधित वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करेंएक बार बिहार विधानसभा में दलों की स्थिति पर नजर डालें तो यह मुश्किल नहीं लगता. बिहार विधानसभा में दलों की स्थिति इस प्रकार है.
कांग्रेस- 27 भाजपा- 53 जनता दल (यू)- 71 राष्ट्रीय जनता दल- 80 राष्ट्रीय लोक समता पार्टी- 2 लोक जन शक्ति पार्टी- 2 कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट)(लिबरेशन)- 3 हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर)- 1 निर्दलीय- 4 हालांकि सारा दारोमदार शरद यादव पर है. यह देखना होगा कि शरद यादव के साथ जनता दल के कितने विधायक खड़े होते हैं. बिहार के इस पूरे राजनैतिक परिदृश्य में कम्यूनिस्ट पार्टी के 3 और 4 निर्दलीय विधायकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है.देखिए, डीएम ने खुदकुशी से ठीक पहले वीडियो में बताया सुसाइड का कारण

नई दिल्ली। डीएम मुकेश पांडे के सुसाइड नोट के बाद उनका सुसाइड से पहले का वीडियो सामने आया है. गाजियाबाद के पास कोटगांव रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या करनेवाले बक्सर के डीएम का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में मुकेश कुमार उन वजहों के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं जिन्होंने उन्हें आत्महत्या करने के लिए उकसाया. मुकेश ने बताया कि उनकी पत्नी बहुत एग्रेसिव हैं और उनके माता-पिता के साथ पत्नी की न बनने की वजह से उन्हें दोनों में तालमेल बिठाने में काफी परेशानी आ रही है.
गाजियाबाद के पास कोटगांव रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या करनेवाले बक्सर के डीएम का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में मुकेश कुमार उन वजहों के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं जिन्होंने उन्हें आत्महत्या करने के लिए उकसाया.
वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करेंसूत्रों का कहना है कि मुकेश पांडे काफ़ी समय से तनाव में चल रहे थे. साथ ही पारिवारिक समस्याओं से भी जूझ रहे थे. छपरा के रहनेवाले मुकेश पांडे 2012 बैच के आईएएस अफ़सर थे और बीते 31 जुलाई को ही बक्सर ज़िले के डीएम का पदभार संभाला था. आईएएस के तौर पर यह उनकी पहली पोस्टिंग थी. इससे पहले वह कटिहार में बतौर डीडीसी तैनात थे.
बसपा सम्मेलनः बनारस रैली की जगह और तारीख बदली

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती द्वारा हर महीने की 18 तारीख को घोषित कार्यकर्ता महासम्मेलन में एक फेरबदल है. पहले चरण में 18 सितंबर को मेरठ में रैली के बाद 18 अक्टूबर को दूसरी रैली वाराणसी में प्रस्तावित थी. लेकिन अब इस रैली का स्थान और तारीख बदल दिया गया है.
18 अक्टूबर को वाराणसी में प्रस्तावित कार्यकर्ता महासम्मेलन अब आजमगढ़ में होगा. आजमगढ़ में यह महासम्मेलन 18 की बजाय 25 अक्टूबर को होगा. यह परिवर्तन दीपावली को देखते हुए किया गया है. असल में दीपावली 19 अक्टूबर को है.
गौरतलब है कि मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार के अहंकारी, विद्वेषपूर्ण, पक्षपाती, जातिवादी, तानाशाही, लोकतंत्र और जनविरोधी रवैये के खिलाफ बसपा चुप नहीं बैठेगी. भाजपा का पर्दाफाश करने के लिए देशभर में और मुख्यरूप से उत्तर प्रदेश में कार्यक्रम चलाया जाएगा. जिसके तहत उत्तर प्रदेश में अगले महीने 18 सितंबर से मंडल स्तर पर कार्यकर्ता महासम्मेलन हर महीने आयोजित किए जाएंगे. जबकि देश के अन्य राज्यों में यह प्रक्रिया नवंबर महीने से शुरु होगी. प्रत्येक महासम्मेलन में बसपा सुप्रीमो मायावती मुख्त अतिथि के तौर पर शामिल होंगी.
रामदयाल मुंडा पर बनी फिल्म ‘नांची से बांची’

नई दिल्ली। झारखंड के आंदोलन में रामदयाल मुंडा का नाम उन चुनिंदा लोगों में है, जिनकी वजह से इस प्रदेश की देश भर में एक बौद्धिक पहचान भी बन सकी. आ.डी मुंडा के नाम से दुनिया भर में मशहूर रामदयाल मुंडा शिक्षाविद् के साथ साथ एक लेखक, कलाकार और राजनीतिज्ञ रहे. आदिवासी अधिकारों के लिए झारखंड, बिहार और दिल्ली से लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों तक से उन्होंने मजबूत आवाज उठायी.
उन्हीं रामदयाल मुंडा को लेकर आदिवासी मामलों पर डाक्यूमेंटरी और शार्ट फिल्में बनाने वाले मेघनाथ और बिजू टोपे ने एक डाक्यूमेंटरी फिल्म बनाई है. 70 मिनट की इस फिल्म का नाम है ‘नाची से बांची’. दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 10 अगस्त को इस फिल्म की स्क्रीनिंग हुई. इसमें मुंडा को चाहने वालों के अलावा कला क्षेत्र के कई लोगों ने शिरकत की.
रामदयाल मुंडा से संबंधित वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करेंइस फिल्म में झारखंड के उनके गांव से लेकर अमेरिका और आस्ट्रेलिया में बिताए जीवन के महत्वपूर्ण लोगों और घटनाओं को भी शामिल किया गया है. इस डाक्यूमेंटरी फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद तमाम लोगों ने मेघनाथ और बिजू टोपे के इस प्रयास की सराहना की, और इसे एक जरूरी फिल्म बनाया.
मुंडा ऐसे विरले शख्सियत थे, जिनको संगीत नाटक अकादमी और पद्मश्री सम्मान दोनों मिला. वो राज्यसभा के सदस्य भी रहे थे. मुंडा के बेटे गुंजल मुंडा के नैरेशन के जरिए बनी यह फिल्म नई पीढ़ी में मुंडा के संदेश ‘जे नाची से बांची’ को पहुंचाने में सफल रही है.
दलितों की मुक्ति में ही मानव और भारतीय समाज की मुक्ति

पटना। दलितों के साथ सदियों तक समाज में जाति के नाम पर भेदभाव होता रहा है. आज भी दलितों की कुछ विशेष पीड़ा है, जो उच्चजाति के लोगों को नहीं झेलनी पड़ती. दलितों की मुक्ति में ही मानव और भारतीय समाज की मुक्ति है. यह बातें गुरुवार को चर्चित साहित्यकार अरुण कमल ने कही.
वह सेंट जेवियर्स स्कूल, गांधी मैदान के मुख्य हॉल में हिंदी दलित साहित्य में मानव मुक्ति की अवधारणा, के लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक दलित साहित्य को समझने में काफी मददगार साबित होगी. इससे पूर्व जेवियर इंस्टीच्युट ऑफ सोशल साइंस के प्रो. जोस कलापुरा ने लेखक डॉ. सुशील बिलुंग का परिचय कराया. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक दलित साहित्य की पड़ताल करती है. इसे पढ़कर दलित साहित्य की बेहतर समझ विकसित होगी. पुस्तक दलित साहित्य में मानव मुक्ति की अवधारणा को समझने में मददगार साबित होगी.
इस मौके पर साहित्यकार और अरविंद महिला कॉलेज में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. शिवनारायण सिंह ने कहा कि इस पुस्तक में साहित्य, दर्शन, विचार और आंदोलन मौजूद हैं. इस पुस्तक में विषम परिस्थितियों से जूझ रहे आमजनों के संघर्ष की दास्तान को पढ़ा जा सकता है. पुस्तक आमजनों के संघर्ष के साहित्य के स्वरूप और उसकी मौजूद उपस्थिति से रूबरू कराती है. चर्चित रंगकर्मी और लेखक हसन इमाम ने कहा कि पुस्तक दलित साहित्य के अंदर मौजूद विभिन्न अंतरविरोधी प्रवृत्तियों, इसके इतिहास और समकालीन समय में चल रहे आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दलित साहित्य की मीमांसा करता है.
उन्होंने कहा कि समकालीन दलित आंदोलन का विमर्श दलित साहित्य का विमर्श है. यह बात इस पुस्तक में गंभीरता से उठाई गई है. कार्यक्रम में पुस्तक के लेखक डॉ. सुशील बिलुंग ने पुस्तक की रचना प्रक्रिया, पुस्तक लेखन यात्रा का जिक्र करते हुए पुस्तक में उठाए गए विमर्श को रेखांकित किया. कार्यक्रम का संचालन प्रो. दीप कुमार ने किया. धन्यवाद ज्ञापन प्रवीण मधु ने किया. इस अवसर पर संत जेवियर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. निशांत, सामाजिक कार्यकर्ता विनय ओहदार, रंगकर्मी पवन यादव, रौनित कुमार, सत्यम परासर, र|ेश पांडे, अरमान कुमार सहित बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी मौजूद थे.
साभार- दैनिक भास्कर
दो ट्रेनों की टक्कर में 42 की मौत और 133 घायल, राष्ट्रपति ने जताया शोक

काइरो। मिस्र में स्थित तटीय इलाके अलेक्जेंड्रिया में दो ट्रेनों की भिड़ंत में 42 लोगों की मौत हो गई, जबकि 133 घायल हो गए. एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना था कि दोनों ट्रेनों ने भिड़ंत के बाद पिरामिड की शक्ल ले ली.
हादसा दोपहर दो बजकर 15 मिनट पर हुआ. खोरशिद स्टेशन के पास दोनों की आमने-सामने की टक्कर हुई. हादसे के बाद बचाव कार्य तत्काल प्रभाव से शुरू कर दिया गया. राष्ट्रपति ने हादसे पर शोक जताते हुए इसके पीछे के कारणों की तलाश करने का आदेश दिया है. हादसा इतना जबरदस्त था कि अभी तक लोग बोगियों में फंसे हुए हैं.
एक ट्रेन मिस्र की राजधानी काहिरा से आ रही थी और दूसरी ट्रेन पोर्ट सैद से आ रही थी. खुर्शीद इलाके में दोनों ट्रेनों की टक्कर हो गई. स्वास्थ्य मंत्री के सलाहकार शरीफ वादी ने बताया कि हताहतों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने कहा, ‘फिलहाल 109 लोग घायल हैं. इसमें कुछ गंभीर रूप से भी घायल भी शामिल हैं. घायलों को समीपवर्ती अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.’
स्वास्थ्य मंत्रालय में अवर सचिव मागदी हेगाजी ने बताया, ‘बचाव दल जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहा है. घायलों को ऐंबुलेन्स के जरिये समीपवर्ती अस्पतालों में ले जाया जा रहा है.’
खुद-ब-खुद ट्रांसफर हो जाएगा PF अकाउंट

अगर आप जॉब बदल रहे हैं और आपको अपने पीएफ की टेंशन सता रही है तो ये खबर आपके लिए है. चीफ प्रोविडेंट फंड कमिश्नर वीपी जॉय ने कहा है कि अगले महीने से जब आप जॉब बदलेंगे तो आपका पीएफ अकाउंट खुद ट्रांसफर हो जाएगा. यह सबकुछ आधार नंबर के जरिए होगा. इसके अलावा EPFO (ईपीएफओ) को एंप्लॉयीज के लिए और बेहतर बनाने के लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं.
जॉय ने कहा कि जब कोई कर्मचारी जॉब बदलता है तो उसके कई सारे अकाउंट्स बंद हो जाते हैं, जो उसे दूसरी कंपनी में जाकर दोबारा चालू करने पड़ते हैं. अब EPFO ने आधार के एनरॉलमेंट को जरूरी बना दिया है, जिससे यह अकाउंट बंद न हो, क्योंकि पीएफ एक पर्मानेंट अकाउंट है, जिसे कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा के लिए हमेशा रख सकते हैं.
चीफ प्रोविडेंट फंड कमिश्नर ने बताया कि हम इस कोशिश में हैं कि अगर कोई जॉब चेंज करता है तो बिना एप्लीकेशन के पैसे तीन दिन में ट्रांसफर हो जाएं. अगर कर्मचारी के पास आधार आईडी है और उसने वेरिफाइड कराई हुई है तो देश में कहीं भी वह एंप्लॉयी बिना एप्लीकेशन दिए जॉब बदलने पर पीएफ अकाउंट ट्रांसफर करा सकता है, यह व्यवस्था जल्द लागू होने वाली है.
जॉय ने बताया कि हम कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को समझा सकें कि पीएफ का पैसा अधिक जरूरत के समय ही निकाला जाए. यह पैसा घर बनवाने या खरीदने में, बच्चों की शिक्षा या गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए ही निकाला जाना चाहिए.
भारत की अच्छी शुरुआत, स्कोर 100 रनों के पार

कैंडी। भारत और श्रीलंका के बीच कैंडी में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में भारत के कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. खबर लिखे जाने तक भारत ने बिना किसी नुकसान के 53 रन बना लिए हैं.
3 टेस्ट मैचों की सीरीज़ का ये आखिरी टेस्ट मैच है और इस श्रृंखला में भारतीय टीम पहले ही 2-0 की अजेय बढ़त बना चुकी है. भारत ने गॉल में पहला टेस्ट 304 रन से और कोलंबो में दूसरा टेस्ट पारी और 53 रन से जीता था. इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी विराट कोहली एंड कंपनी की नजर इस टेस्ट में विदेशी सरजमीं पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में सूपड़ा साफ करने वाली पहली भारतीय टीम बनने पर लगी है. भारत और श्रीलंका दोनों ही टीमों में इस आखिरी टेस्ट मैच के लिए बदलाव किए गए हैं. भारतीय टीम में एक टेस्ट के लिए सस्पेंड हुए रवींद्र जडेजा की जगह कुलदीप यादव को मौका मिला. वहीं श्रीलंका की तरफ से तीन बदलाव किए गए हैं. लक्ष्मण संदकान, लाहिरू कुमारा और विश्वा फर्नांडो को इस टेस्ट में श्रीलंकाई टीम में क्लीन स्वीप से बचाने के लिए शामिल किया है.
पिछले कुछ समय से बदलाव के दौर से गुजर रही श्रीलंकाई टीम ने औपचारिकता के इस मैच में हरी-भरी पिच तैयार की है. आमतौर पर पल्लेकल की पिच को तेज गेंदबाजों के मुफीद माना जाता है. यहां रफ्तार और उछाल देखने को मिलती है. पिच के रंग से जाहिर होता है कि यहां पहले दो दिन तेज गेंदबाजों को अच्छी मदद मिलेगी. हालांकि, तेज बारिश के कारण भारतीय टीम शुक्रवार को अभ्यास नहीं कर सकी. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस टेस्ट मैच पर बारिश अच्छा खासा खलल डाल सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि टेस्ट के पहले चार दिन काफी बारिश हो सकती है. यदि ऐसा हुआ तो बारिश भारतीय टीम के 3-0 से सीरीज जीतने के इरादों पर पानी फेर सकती है.
टीम इस प्रकार है –
भारत : विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्विन, ऋद्धिमान साहा (विकेटकीपर), उमेश यादव, हार्दिक पांड्या, मुहम्मद शमी, कुलदीप यादव.
श्रीलंका : दिनेश चांदीमल (कप्तान), उपुल थरंगा, दिमुथ करुणारत्ने, कुशल मेंडिस, एंजेलो मैथ्यूज, लाहिरू थिरिमाने, धनंजय डिसिल्वा, निरोशन डिकवेला (विकेटकीपर), दिलरुवान परेरा, लाहिरू कुमारा, विश्वा फर्नांडो, दुष्मंथा चमीरा, लाहिरू गमागे, लक्षण संदाकन और मालिंदा पुष्पकुमारा.
‘दिल से दिल तक’ से सिद्धार्थ को किया गया बाहर, मुश्किल है वापसी

सिद्धार्थ शुक्ला इन दिनों फिर से चर्चा में हैं. वजह उनका कोई नया शो नहीं, बल्कि बैड बिहेवियर है. सुनने में आया है कि वह पिछले कई दिनों से सेट पर लोगों से बुरा बर्ताव कर रहे हैं. इसमें गाली-गलौच करना तक शामिल है.
बताया जा रहा है कि इस मामले की शुरुआत कुछ दिन पहले एक पार्टी के दौरान हुई थी. इस पार्टी में शो से जुड़े एक्टर्स कुनाल वर्मा, रश्मि देसाई और जैस्मीन भसीन भी शामिल थे. सूत्रों की मानें तो इस पार्टी के दौरान शराब के नशे में सिद्धार्थ ने कुनाल के साथ काफी गाली-गलौच की. जब कुनाल ने उनसे कहा कि वह सही नहीं कर रहे हैं, तब भी सिद्धार्थ उन पर चिल्लाते नजर आए. कुनाल ने इस बारे में प्रोडक्शन टीम से भी शिकायत की. इस पर जब प्रोजेक्ट हेड शीतल ने उनसे बात करनी चाही, तो सिद्धार्थ ने उन्हें भी नहीं बख्शा. उन्होंने यहां तक कह दिया कि उनके पास कई शो के ऑफर हैं और शो छोड़ने की धमकी देते हुए अपनी अब तक की पेमेंट की मांग भी कर डाली. सिद्धार्थ की इस बात पर बौखलाई शो हेड ने उन्हें तुरंत शो छोड़ने और यहां तक कि सेट से चले जाने के लिए कह दिया.
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले भी सिद्धार्थ ने इसी तरह का व्यवहार किया था और फिर वह माफी मांगकर शो में वापस लौटे थे. मगर ताजा हालात देखकर लगता है कि अब सिद्धार्थ ने शो में वापसी के सभी रास्ते खुद ही बंद कर दिए हैं. अगर ऐसा ही होता है, तो ये देखना होगा कि आने वाले दिनों में दिल से दिल तक का पार्थ कौन बनता है.