शिक्षामित्रों के आगे झुकी यूपी सरकार, देगी 25 अंक का वेटेज

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों के विरोध प्रदर्शन से घबराई योगी सरकार ने शिक्षामित्रों के आगे घुटने टेक दिए हैं. यूपी कैबिनेट की बैठक में शिक्षामित्रों को वेटेज देने समेत कई अहम प्रस्तावों पर आज मुहर लगायी गई. योगी सरकार प्रदेश के 1.65 लाख शिक्षामित्रों को शिक्षक भर्ती में उनके सेवाकाल के आधार पर 25 अंक तक का वेटेज देने जा रही है. हालांकि शिक्षामित्रों को TET से छूट प्रदान नहीं की गयी है.

TET पास अभ्यार्थियों ने शिक्षा‌ विभाग के इस प्रस्ताव का विरोध किया था. कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब उत्तर प्रदेश के उन शिक्षमित्रों को सहायक अध्यापक पद पर स्थायी नियुक्ति में वेटेज दिया जाएगा, जो दो साल में टीईटी पास कर लेंगे. बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, शिक्षक पात्रता परीक्षा में पास शिक्षामित्रों को 2.5 अंक प्रति वर्ष के हिसाब से वेटेज दिया जायेगा, जो अधिकतम 25 अंक होगा.

कैबिनेट मीटिंग के बाद सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कैबिनेट में शिक्षामित्रों से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है. उन्होंने कहा कि प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक बनने के लिए अब परीक्षा देनी होगी. यह परीक्षा टीईटी क्वालीफाई करने के बाद देनी होगी. शिक्षक भर्ती की मेरिट में लिखित परीक्षा के भी अंक जोड़े जायेंगे.

श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अब यूपी में लिखित परीक्षा के माध्यम से बेसिक शिक्षकों की भर्ती होगी. इसके लिए 60 नंबर लिखित और 40 एकेडमिक होंगे. इस परीक्षा में सिर्फ टीईटी पास अभ्यर्थी ही बैठ सकेंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सरकार अनुपालन करेगी.

ऑस्ट्रेलिया की हार से गुस्सैल ‘डीन जोन्स’ ने तोड़े टीवी-लैपटॉप

ऑस्ट्रेलिया की निराशाजनक प्रदर्शन से उनके फैंस बेहद हैरान हैं. यहां तक कि पूर्व कंगारू क्रिकेटर भी अपनी टीम के इस बुरे प्रदर्शन से बेहद नाराज हैं. फिलहाल कमेंट्री टीम में शामिल डीन डोन्स और ब्रैड हॉग ने टीम इंडिया के खिलाफ इंदौर में सीरीज गंवाने पर टीवी, लैपटॉप और कंप्यूटर तोड़ डाले. टीम इंडिया ने लगातार तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराकर सीरीज में 3-0 की अपराजेय बढ़त हासिल कर ली है.

दरअसल, इंदौर वनडे में हार के बाद डीन जोंस और ब्रैड हॉग यहां के भड़ास कैफे में मौजूद थे. मजेदार बात यह है कि यह कैफे लोगों को अपनी भड़ास निकालने की पूरी छूट देता है. कैफे में टीवी, कंप्यूटर जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण रखे जाते हैं, ताकि लोग लोग उन्हें तोड़कर अपने गुस्से पर काबू पा सकें. फिर क्या था- डीन जोंस भी खुद को रोक नहीं पाए और मजाक में यहां रखे इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स को अपना निशाना बनाया.

फिलहाल ऑस्ट्रेलियाई टीम निराशाजनक दौर से गुजर रही है. विदेश में उसकी हार का सिलसिला जारी है. विदशी धरती पर वह अब तक 13 में से 11 वनडे हार चुकी है, जबकि दो मैच बारिश की वजह से बेनतीजा रहे. टीम इंडिया के खिलाफ वनडे सीरीज गंवाने के बाद ऑस्ट्रेलिया को एक और झटका लगा है. तीसरे वनडे के दौरान अपनी उंगली तुड़वा बैठे उसके लेफ्ट आर्म स्पिनर एश्टन एगर सीरीज से बाहर हो गए हैं.

अब तक तीस मानव का आचार बनाकर खा चुका है ये ‘नरभक्षी कपल’

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Russian couple

मास्को। रूस के एक ‘नरभक्षी’ कपल को गिरफ्तार किया गया है. इस कपल ने कबूल किया है कि इन्होंने अब-तक 30 लोगों को मारकर उनका मीट खाया है. पुलिस को फिलहाल 8 बॉडी पार्ट्स मिले हैं और अब पुलिस इस बयान की सच्चाई जानने के लिए आगे जांच कर रही है. हैरानी की बात यह है कि इस कपल ने अपने घर में एक तहखाना बना रखा था जहां वे अपने शिकार हुए लोगों के शरीर के अंग रखते थे और फिर उनके साथ सेल्फी लेते थे. पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है.

उन्होंने ये खून 1999 से लेकर अब-तक किया है. इस फैमली में 35 साल दिमित्री बाकेशेव और उसकी 42 साल की पत्नी ने मिलकर यह हत्याएं की है. एक रिपोर्ट में रशियन इंवेस्टिगेशन कमेटी के हवाले से लिखा गया कि बाकेशेव और उसकी पत्नी इंसानी अंगों को फ्रीज और तहखाने में स्टोर करके रखते थे. इंसानी अंगों को वे लोग जार में भी जमा करके रखते थे. बताया जा रहा है कि वे लोग इंसानी मांस का अचार बनाकर रखते थे. इसके अलावा पुलिस को 19 इंसानों की खाल भी बरामद की है.

इनके घर में एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है, जिसमें इंसानी अंगों के साथ युवक की तस्वीर थी. इससे साफ है कि ये हत्या करने के बाद शवों के साथ सेल्फी भी लेते थे.फिलहाल, दोनों को हिरासत में रखा गया है. दोनों का मानसिक टेस्ट भी कराया गया है, लेकिन दोनों मानसिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ्य है. बताया जा रहा है कि ये लोग पीड़ितों को शिकार बनाने के लिए उन्हें एक ड्रग्स देते थे. जैसे ही उन्हें नशा चढ़ जाता था वह उनकी हत्या कर देते थे.

BHU प्रशासन की लापरवाही से हुआ बवाल, वीसी की हो सकती है छुट्टी

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वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हुए बवाल की जांच पूरी हो चुकी है. वाराणसी कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है. कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में बवाल बढ़ने के लिए बीएचयू प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है.

कमिश्नर ने जांच के दौरान वाइस चांसलर और पीड़ित लड़की समेत 12 लोगों के बयान लिए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले को गलत तरीके से हैंडल किया और वक्त रहते इसका हल नहीं निकाला. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर वक्त रहते इस मामले को सुलझा लिया गया होता तो इतना बड़ा विवाद खड़ा नहीं होता. वहीं, वाराणसी कमिश्नर की रिपोर्ट के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बीएचयू के वीसी को दिल्ली तलब किया है. सूत्रो की माने तो अब बीएचयू के वीसी को छुट्टी पर भेजा जा सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे मामले में सबसे बड़ा दोष प्रशासन का ही है, वह चाहते तो यह मामला आराम से निपट सकता था. कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने चीफ सेकेट्ररी राजीव कुमार को दी गई अपनी रिपोर्ट में बताया कि बीएचयू के प्रशासन ने पीड़ित की शिकायत पर ढंग से कार्रवाई नहीं की और ना ही हालात को सही तरीके से संभाला गया. बता दें कि BHU में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के बाद किए जा रहे धरना प्रदर्शन और विरोध से माहौल काफी बिगड़ गया था.

गौरतलब है कि हाल ही में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे के समय ही छात्र आंदोलन जोर पकड़ने लगा था. आंदोलनकारी छात्रों की योजना थी कि यदि कुलपति उनसे मिलने नहीं आए, तो प्रधानमंत्री के काफिले को रोका जाएगा. इस बात की भनक सिक्योरिटी को लग गई और पीएम का रूट बदल दिया गया. इसके बाद छात्र-छात्राओं ने कुलपति आवास की तरफ रुख किया. यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी गार्ड ने उनको जमकर मारा. महिला कॉलेज में घुसकर मारपीट की गई. पूरा बवाल रात 3 बजे तक चलता रहा था.

दिवाली से पहले 7वें वेतन आयोग का तोहफा: राजस्थान

राजस्थान में 7वें वेतनआयोग का इंतजार कर रहे करीब सात लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. सरकार राज्य कर्मचारियों को इस दिवाली से पहले 7वें वेतन आयोग की बड़ी खुशबरी दे सकती है.

दरअसल, केंद्र की तर्ज पर सातवें वेतन आयोग के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित सावंत कमेटी सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. इससे माना जा रहा है कि सरकार दिवाली से पहले राज्य कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग की सौगात दे देगी.

प्रदेश सरकार ने फरवरी में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी डीसी सामंत की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. इस कमेटी ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्य कर्मचारियों के लिए रिवाइज्ड वेतनमान, भत्तों और इससे सरकार पर आने वाले वित्तीय भार का आकलन किया है.

सन उप सचिव (वित्त) डॉ. प्रेम सिंह चारण के अनुसार गठित की गई समिति में डीके मित्तल और एमपी दीक्षित (राजस्थान लेखा सेवा के पूर्व अधिकारी) को शामिल किया गया था. इस समिति को तीन महीने में सरकार को अपनी रिपोर्ट देनी थी लेकिन अब सितंबर में रिपोर्ट सौंपी जा रही है.

पहले माना जा रहा था कि रिपोर्ट मिलने के बाद 7वें वेतनमान को लागू करने में सरकार करीब 2 से 3 महीन का समय लगा सकती है. लेकिन अब ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि 19 अक्टूबर को दिवाली से पहले ही सरकार इसे लागू कर सकती है.

वकील का दावा, दिल्ली में छुपी हुई है हनीप्रीत

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नई दिल्ली। बलात्कारी बाबा की सबसे बड़ी राजदार और बेटी हनीप्रीत को लेकर एक नया मोड़ आ गया है. एक और उसकी तलाश में पुलिस नेपाल तक की खाक छान आई है, वहीं अब उसके दिल्ली में ही होने की खबर है. हनीप्रीत के दिल्ली में छिपे होने की खबरों के बीच राजधानी के ग्रेटर कैलाश पार्ट-2 के एक घर पर मंगलवार को छापा मारा गया. हालांकि गिरफ्तारी वारंट के साथ पहुंची हरियाणा पुलिस की टीम को वहां हनीप्रीत नहीं मिली.

वकील द्वारा हनीप्रीत के दिल्ली में होने का दावा किए जाने के बाद हरियाणा पुलिस की टीम ने आनन-फानन में गिरफ्तारी वारंट जारी कराया और छापे मार दिए. पंचकूला पुलिस टीम ने दिल्‍ली के ग्रेटर कैलाश क्षेत्र के एक मकान पर छापा मारा. वहीं दूसरी तरफ हनीप्रीत के वकील ने कोर्ट में उसकी अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई है जिसे सुनवाई के लिए कोर्ट द्वारा मंजूर कर लिया गया है. कोर्ट इस याचिका पर दोपहर 2 बजे सुनवाई करेगी.

बता दें कि हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्य ने दावा किया कि वह दिल्ली में ही है और सोमवार को लाजपत नगर में उनके दफ्तर में उनसे मिलने आई थी. वकील के मुताबिक हनीप्रीत जरूरी कागजात पर साइन करके चली गई. हनीप्रीत ने अंतरिम अग्रिम जमानत की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. हनीप्रीत के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने देशद्रोह का मामला दर्ज किया हुआ है. पुलिस की कई टीमें हनीप्रीत की तलाश में जुटी हैं, लेकिन अब तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. ऐसे में वकील के दावों के बाद पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया है.

खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली थी कि हनीप्रीत नेपाल में है. इसी के मद्देनजर भारत से लगने वाली नेपाल सीमा पर गहन छानबीन हुई. सीमा पर हनीप्रीत की फोटो भी चस्पा कर दी गई है. वहीं राजस्थान में रेड से पहले ही हनीप्रीत अपना सामान पैक कर वहां से फरार हो गई थी. पुलिस ने गल्र्स हॉस्टल में रेड की, लेकिन उसके हाथ कुछ नहीं लगा.

नपुंसक नहीं है फलाहारी बाबा

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अलवर। अलवर में महिला के यौन शोषण के आरोप में फालाहारी बाबा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार फलाहारी बाबा की जेल में पहली रात बेचैनी से गुजरी.

छत्तीसगढ़ की युवती से रेप का आरोपी कौशलेंद्र फलाहारी बाबा नपुंसक नहीं है. मेडिकल टेस्ट में ये बात साबित होने के बाद पुलिस ने उस पर रेप की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है. शनिवार को छत्तीसगढ़ पुलिस ने फलाहारी बाबा को गिरफ्तार किया था. रेप के आरोप पर बाबा ने कहा था कि वो तो नपुंसक है, ऐसे में रेप कैसे कर सकता है. जिसके बाद पुलिस ने मेडिकल टेस्ट कराया को उसके खुद को नपुंसक कहने की बात गलत साबित हुई.

गौरतलब है कि पुलिस के मुताबिक, लड़की के परिवार के बाबा से करीब 25 साल पुराने फैमिली रिलेशन हैं. लड़की ने पिछले दिनों लॉ की पढ़ाई के बाद इंटर्नशिप पूरा किया. इसके लिए उसे 5 हजार रुपए मिले. वह पैसे मिलने को लेकर काफी खुश थी और 7 अगस्त को बाबा के अलवर आश्रम पर पहुंची थी.

अपने बयान में रेप पीड़िता ने बताया कि वह 7 अगस्त को बाबा के दिव्य धाम आश्रम में गई थी. यहां उसे बाबा की सेवा के बदले पहले वेतन का ऑफर दिया गया. साथ ही उसे रातभर रुकने के लिए कहा गया. इसी दौरान शाम 7 बजे उसे बाबा ने अपने कमरे में बुलाया और उसके साथ रेप किया. बाबा ने यहां मौजूद लोगों को आरती में शामिल होने के लिए भेज दिया. फिर उसने गेट बंद कर दिया और लड़की के साथ अश्लील बातें करते हुए छेड़छाड़ करने लगा. इसके बाद उसके साथ रेप किया.

नवरात्रि में नारी शक्ति की यह कैसी पूजा?

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नवरात्रि में हमारा समाज कन्याओं की पूजा करता आया है. उन्हें भोजन पर आमंत्रित किया जाता है. चरण धोकर स्वागत किया जाता है और तिलक के बाद दक्षिणा और उपहार देकर विदा करने की परंपरा है. पूरे नौ दिन तक देश शक्ति की अराधना करता है. यह कैसी विडंबना है कि जिस नवरात्रि में चारों ओर से जय माता दी की आवाज गूंज रही है, ठीक उसी वक्त में विश्वविद्यालय के एक कैंपस से लड़कियों की चीखें निकल रही थीं. जिस वक्त देश गरबे की उमंग में थिरक रहा था, उसी वक्त लड़कियां अपनी सुरक्षा की मांगों को लेकर धरना—प्रदर्शन कर रही थीं, उनकी बातों को सुनना तो दूर, उल्टे पुलिसिया कहर बरस जाता है, अजीब विडंबना है कि देश के प्रधानमंत्री के सपनों के शहर में यह सब कुछ होता है, एक ऐसे विश्वविद्यालय में यह सब होता है जिसका नाम पूरे देश में बड़े सम्मान से लिया जाता है. ऐसे शहर में यह सब हो जाता है जो अपने आप में अद्भुत है.

साल 2015 में हमारे देश में महिलाओं के साथ बलात्कार की 34651 घटनाएं हुईं. इन्हें साल दर साल टेबल में दिए गए आंकड़ों से देखा जा सकता है. इसी साल में महि‍लाओं के साथ 3 लाख 27 हजार 394 मामले दर्ज कि‍ए गए. यह याद रखा जाना चाहि‍ए कि अब भी समाज में कई-कई वजहों से अपराध दर्ज करवाए और नहीं कि‍ए जाते हैं. इसमें बहुत हैरानी की बात नहीं है कि उत्‍तरप्रदेश में सबसे अधि‍क 35, 527 अपराध दर्ज कि‍ए गए हैं. महि‍लाओं के साथ छेड़खानी के अपराधों की बात करें तो पूरे देश में 2015 में 82,422 घटनाएं हुईं, इनमें 7885 घटनाएं अकेले यूपी की हैं.

यदि संख्या का बढ़ते जाना प्रगति है तो देखिए कि हमारा समाज कहां से कहां पहुंचा. यह आंकड़े भर नहीं हैं, दरअसल तो इन आंकड़ों की रोशनी में हम अपने विकास के पहिए पर सवार समाज को देख सकते हैं. हम देख सकते हैं कि तमाम धार्मिक मान्यताओं और धर्म के भी बाजार होते जाने के बीच सामाजिक विद्रुपताएं कैसे राक्षसी आकार ले रही हैं. हमें चिंता होने लगती है कि हम आगे जा रहे हैं या नहीं. पन्ने पलट-पलट कर आंकड़ों को देखने लगते हैं, आंकड़े हमारी स्थितियों पर क्रूरता से हंसते हैं.

जब हम इन तस्वीरों को कुछ यूं देखते हैं कि 2005 से लेकर 2014 तक देश में ऐसी 71872 लड़कियां किसी वासना का शिकार हुई हैं तब हमें समझ आता है कि दरअसल हम कन्याओं को पूजते तो हैं, लेकिन उन्हें एक सुरक्षित समाज आज तक नहीं दे पाए हैं. पहले मोर्चे पर तो हम ऐसी घटनाओं को रोक पाने में असफल हैं, मामला अब केवल सड़कों तक ही सीमित नहीं रहा हैं. जिस तरह से हमारे समाज में बच्चों और महिलाओं को चारदीवारी के अंदर व्यवहार मिल रहा है, वह बेहद चिंताजनक है. चाहे उस आलीशान स्कूल का मामला ले लें, जिसकी दीवारों के अंदर के बच्चे की रहस्यमय हत्या हो जाती है, और हम हत्या की वजह भी नहीं खोज पाते, या एक धार्मिक शहर में विवि के होस्टल में लड़कियों का रहना मुहाल हो जाता है.

अपराध को रोकना तो अलग बात है, अब अपराधों के खिलाफ आवाज उठाना भी एक चुनौती भरा काम हो गया है. यदि बीएचयू की लड़कियां अपराध के खिलाफ आवाज उठा रही हैं, तो यह तय करना कि उनके साथ क्या व्यवहार किया जाएगा, पर ऐसा तो कतई नहीं होना चाहिए कि उनकी आवाज का मुकाबला पुलिस की लाठी से किया जाए. इस वक्त मुश्किल यह हो गया है कि ज्यादातर सवालों का जवाब हम राजनीतिक व्यवस्था में खोज रहे हैं, और राजनीति की आंखों पर अपना चश्मा है. वह कहां मुखरित होती है और कहां मौन हो जाती है,समझ में नहीं आता, ऐसे में आमजन अपनी आवाज लगाए भी तो कहां लगाएं.

देश में रेप की घटनाएं : 2005- 18359, 2010- 22172, 2011- 24206, 2012- 24923, 2013-33707, 2014-36735, 2015, 34651. आपको बता दें कि यह सभी आंकड़े एनसीआरबी की ओर से जारी किए गए हैं.

राकेश कुमार मालवीय का यह लेख एनडीटीवी से साभार है.

दलित-विरोधी और अन्यायपूर्ण है भाजपा सरकारः मायावती

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नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने जालौन में बाबासाहेब की मूर्ति अनादर पर आक्रोशित होने वाली दलित जनता पर लाठीचार्ज और गिरफ्तारी की निंदा की है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के इस रवैये को जातिवादी, राजनीतिक द्वेष, दलित-विरोधी व अन्यायपूर्ण नहीं तो और क्या कहा जायेगा?

बसपा सुप्रीमों ने गिरफ्तार लोगों की तुरन्त रिहाई और लाठीचार्ज करने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के संवेदनशील व संगीन अपराध करने वालों के खिलाफ सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिससे सिद्ध होता है कि इस मामले में सरकार की संलिप्तता है. जबकि असामाजिक व आपराधिक तत्वों द्वारा ऐसी घटना के कारण ही सहारनपुर का जातीय संघर्ष हुआ था, लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार व जिला व पुलिस प्रशासन को इसकी कोई ख़ास चिंता नहीं है. मायावती ने आगे कहा कि अगर जिले के पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर जाकर स्थिति की गंभीरता से कार्रवाई करते तो यह मामला कभी भी इतना गंभीर रूप धारण नहीं करता. लेकिन पुलिस अधिकारियों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई और उल्टे आन्दोलनकारियों पर ही कार्रवाई कर दी.

बीएचयू में हुए छात्राओं पर लाठीचार्ज पर बसपा अध्यक्ष ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि भाजपा सरकार के ग़लत रवैये के कारण बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय हिंसा, आगजनी और उपद्रव का शिकार हो रहा है. इस मामले में बीएचयू के कुलपति का रवैया भी छात्र-छात्राओं का हितैषी न होकर तानाशाही पूर्ण लगता है. उनके आपत्तिजनक बयानों ने आग में घी डालने का काम किया.

मायावती ने कहा कि बीएचयू के विद्यार्थी अपने सहयोगी छात्राओं के साथ छेड़खानी के मामले का विरोध कर रही थी, लेकिन कुलपति के भड़काऊ रवैये के कारण छात्रों का आन्दोलन तीव्र हुआ. बसपा कुलपति के छात्र-विरोधी रवैये और छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज दोनों की निंदा करती है और सरकार से मांग करती है कि छात्र-छात्राओं के साथ न्याय सुनिश्चित करे और साथ ही उनकी सुरक्षा का समुचित प्रबंध करे.

धोबी समाज ने ली गाडगे बाबा और बाबासाहेब के पद चिन्हों पर चलने की प्रतिज्ञा

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धोबी समाज

बेंगलुरू। अखिल भारतीय धोबी महासभा ने बैंगलुरू में धोबी समाज की एकता और विकास के लिए एक अधिवेशन का आयोजन किया. इस अधिवेशन में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गोवा, कर्नाटक, केरल और उड़ीसा के धोबी समाज की महिलाओं, प्रतिनिधियों और नेताओं ने शिरकत की.

इस अधिवेशन में गाडगे बाबा के मिशन को जन-जन तक फैलाने और धोबी समाज को जागृत करने पर चर्चा की गई. इसके अलावा धोबी समाज के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के बारे में चर्चा की गई.

धोबी समाज ने गाडगे बाबा और बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के पद चिन्हों पर चलने, देश में सामाजिक एकता और भाईचारा स्थापित करने की प्रतिज्ञा ली.

सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश के धोबी समाज को ज्यादा महत्व दिया. उत्तर प्रदेश के धोबी समाज के प्रतिनिधियों का बेंगलुरू एयरपोर्ट पर जबरदस्त स्वागत हुआ और उन्हें अधिवेशन में सम्मान भी दिया.

राम रहीम को बर्बाद करने के लिए हनीप्रीत ने खाई थी कसम!

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Honeypreet

रोहतक। बलात्कारी बाबा के आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इस बार सबको चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. ये सनसनीखेज खुलासा डेरे के पूर्व सेवादार ने किया है. सेवादार ने सबको हैरान करने वाला खुलासा किया है कि बलात्कारी बाबा हनीप्रीत से एक बच्चा चाहता था, जिसे वो डेरे का प्रमुख बना सके.

गुरमीत राम रहीम का ड्राइवर रहे खट्टा सिंह के बेटे गुरदास का कहना है कि हनीप्रीत डेरा प्रमुख को तबाह करने की नीयत से ही उसके साथ रह रही थी. हनीप्रीत का पूर्व पति विश्वास गुप्ता हालांकि उसे गुरमीत की लवर मानता है, लेकिन गुरदास के मुताबिक सच्चाई कुछ और है.

गुरदास का कहना है कि गुरमीत ने हनीप्रीत पर बुरी नजर डाली थी. उसने हनीप्रीत की शादी करवाई और शादी के फौरन बाद रात में उसको अपनी गुफा में बुला लिया. गुरदास का कहना है कि वह उस रात गुफा के बाहर ड्यूटी पर तैनात था. अगली सुबह हनीप्रीत बाबा की गुफा से रोती हुई बाहर निकली थी.

गुरदास ने बताया कि उन दिनों हनीप्रीत के दादा डेरे के खजांची हुआ करते थे. गुफा से निकलने के बाद हनीप्रीत सीधे दादा के पास गई. हनीप्रीत की हालत देख कर तब उसके दादा ने डेरे में काफी हंगामा किया और गुरमीत के खिलाफ खुल कर बोलने लगे, लेकिन उन्हें तब हथियारों के दम पर चुप करा दिया गया.

बताया जाता है कि इसके बाद हनीप्रीत डेरा छोड़ कर अपने घर फतेहाबाद के लिए निकल गई. लेकिन हनीप्रीत का पीछा किया गया और हथियारों के दम पर उसे रास्ते में ही एक ढाबे से उठा कर डेरे पर वापस ले आया गया. बताया जाता है कि यही वह दिन था, जब हनीप्रीत ने कसम खाई कि वह गुरमीत को बर्बाद करके छोड़ेगी.

गुरदास को अब लगता है कि गुरमीत की इस तबाही के पीछे शायद हनीप्रीत की वह कसम ही है. हनीप्रीत ने ही गुरमीत को फिल्मों का चस्का लगाया. हनीप्रीत के कहने पर ही गुरमीत डिजाइनर बाबा बना और इसके बाद उसके बर्बादी की कहानी शुरू हो गई.

इंदौर वनडे में मिली आसान जीत, भारत का सीरीज पर कब्जा

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भारत ने रविवार को तीसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराते हुए पांच मैचों की सीरीज में 3-0 की अपराजेय बढ़त बना ली। ऑस्ट्रेलिया ने एरोन फिंच के शतक (124) की मदद से 6 विकेट पर 293 रन बनाए। इसके जवाब में भारत ने पांड्‍या (78), रोहित शर्मा (71) और अजिंक्य रहाणे (70) की उम्दा पारियों से 47.5 अोवरों में 5 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल किया। सीरीज का चौथा मैच 28 सिंतबर को खेला जाएगा। भारत का इसी के साथ इंदौर के होलकर स्टेडियम में अपराजेय रिकॉर्ड कायम रहा, यह उसकी इस स्टेडियम में लगातार पांचवीं जीत है। भारत ने इस जीत के साथ कीर्तिमानों की झड़ी लगाते हुए इतिहास रच दिया।

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। कंगारू कप्तान स्टीव स्मिथ ने सीरीज में पहली बार टॉस जीता। वॉर्नर और फिंच ने टीम को धीमी शुरुआत दिलाई, लेकिन इसके बाद वॉर्नर लय में नजर आने लगे। वॉर्नर 44 गेंदों पर 4 चौकों और 1 छक्के की मदद से 42 रन बनाने के बाद हार्दिक की ऑफ कटर पर बोल्ड हुए। उन्होंने फिंच के साथ पहले विकेट के लिए 70 रन जोड़े। इसके बाद फिंच ने मोर्चा संभाला और युजवेंद्र चहल की गेंद पर चौका लगाते हुए फिफ्टी पूरी की।

फिंच 124 रन बनाने के बाद कुलदीप यादव के शिकार बने। उन्होंने 125 गेंदों का सामना कर 12 चौकों और 5 छक्के लगाए और डीप मिडविकेट पर जाधव को कैच दे बैठे। उन्होंने स्मिथ के साथ दूसरे विकेट के लिए 154 रन जोड़े। अब उम्मीदें स्मिथ पर टिक गई थी, लेकिन वे 71 गेंदों में 5 चौकों की मदद से 63 रन बनाने के बाद कुलदीप की गेंद पर लांगऑफ पर बुमराह को कैच थमा बैठे। इसके तुरंत बाद चहल ने मैक्सवेल को विकेटकीपर धोनी से स्टंप करवाया।

इसके बाद बुमराह ने दो झटके दिए। उन्होंने ट्रेविस हेड (4) को बोल्ड किया। इसके बाद उनकी गेंद पर पीटर हैंड्‍सकॉम्ब (3) का मनीष पांडे ने अविश्वसनीय कैच लपका।

भारत ने मैच के लिए प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव नहीं किया जबकि ऑस्ट्रेलिया ने टीम में दो बदलाव किए। हिल्टन कार्टराइट की जगह एरोन फिंच तथा मैथ्यू वेड की जगह पीटर हैंड्‍सकॉम्ब को शामिल किया गया।