वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) की दो प्रयोगशालाओं की तकनीकों से ओडिशा तथा आंध्र प्रदेश में गत दिनों आए ‘फेनी’ तूफान से कई लोगों की जान बचाई गई. इस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ओडिशा के तटीय इलाके में बड़े पिरामिड ढांचे की छत वाले भवनों का निर्माण किया जा चुका है जिससे वहां काफी कम नुकसान होता है. इसी का नतीजा है कि पिछले 10 साल में आए कई चक्रवाती तूफानों में हजारों लोगों की जान अब तक बचाई जा सकी है.
सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं का काफी योगदान
सीएसआईआर के महानिदेशक शेखर सी. मांडे ने बताया कि सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं की भवन निर्माण तकनीकों का काफी योगदान रहा है. उन्होंने बताया कि स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर, चेन्नई और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, रुड़की ने भवन निर्माण की जो तकनीकें विकसित की हैं उनके आधार पर करीब 10 साल पहले भुवनेश्वर में मॉडल बिल्डिंग बनाए गए थे. ओडिशा में सीएसआईआर ने उस समय 75 ऐसे भवन बनाए थे जो तूफान से पूरी तरह सुरक्षित हैं.
तटीय इलाकों में पिरामिड ढांचे की छत वाले भवन
मांडे ने बताया कि इस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ओडिशा के तटीय इलाकों में बड़े पैमाने पर पिरामिड ढांचे की छत वाले भवनों का निर्माण किया गया है जिससे अब वहां चक्रवाती तूफानों में घरों और लोगों की जान का नुकसान बेहद कम होता है. आंध्र प्रदेश में भी इस तरह के मॉडल भवन बनाए गए हैं. सीएसआईआर के महानिदेशक ने बताया कि वर्ष 1977 और 1999 में ओडिशा में आए चक्रवाती तूफानों में तकरीबन दस-दस हजार लोग अकाल काल के शिकार हो गए थे. लेकिन, पिछले कुछ समय में आए तूफानों में यह संख्या 20-30 या कभी-कभी इससे भी कम रहती है.
ओडिशा के सभी शिविरों में सीएसआईआर की डिजाइन
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन काम करने वाले सीएसआईआर के महानिदेशक ने बताया कि ओडिशा में इस समय तूफान से सुरक्षित जितने शिविर बनाए गए हैं उनमें अधिकतर की डिजाइन परिषद की प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित तकनीकों पर आधारित है. इस प्रकार परिषद ने हजारों की संख्या में लोगों की जान बचाने में मदद की है. उन्होंने बताया कि स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर, चेन्नई में एक विंड टनल स्थापित किया गया है जिसमें तूफान जैसी स्थिति पैदा कर किसी ढांचे की मजबूती परखी जाती है. यह देश में इमारतों के ढांचों की मजबूती की जांच करने वाला सबसे अच्छा विंड टनल है.
अन्य तकनीकें भी मददगार
सीएसआईआर की अन्य तकनीकें भी आपदा प्रभावित इलाकों में लोगों के राहत एवं पुनर्वास में मददगार हो रही है. ओडिशा में पिछले दिनों आए ‘फेनी’ तूफान से प्रभावित इलाकों में सीएसआईआर ने पानी को साफ करने वाला एक विशेष वाहन भेजा है जो किसी भी प्रकार के पानी को पानी को पीने लायक बनाता है. यह वाहन परिषद् की सेंट्रल सॉल्ट एंड मरीन केमिकल्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसएमसीआरआई) द्वारा विकसित पानी साफ करने की प्रौद्योगिकी पर तैयार किया गया है.

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