जम्मू। जम्मू कश्मीर के सटोरा त्राल में एक बार फिर से सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई. सेना ने अब तक तीन आतंकियों को मार गिराया है. फिलहाल ऑपरेशन जारी है. अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बाद यह दूसरी मुठभेड़ है. इससे पहले 11 जुलाई को ही सेना ने कश्मीर के बड़गाम में तीन आतंकियों को मार गिराया था. मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए थे.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सटोरा त्राल में तीन से चार आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलते ही सेना की 42 आरआर और राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल व सीआरपीएफ के जवानों के एक संयुक्त कार्यदल ने घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान शुरु किया था. सुबह सात बजे सटोरा में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरु हुई और साढ़े आठ बजे तक दो आतंकी मारे गए थे. तीसरा आतंकी अगले एक घंटे के दौरान मारा गया.
प्रशासन ने जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़े आतंकी हमले की आशंका के चलते अलर्ट जारी किया है. बिजबिहाड़ा से श्रीनगर और पंथाचौक-नौगाम- हैदरपोरा-बेमिना बाईपास और एचएमटी से गांदरबल मार्ग को संवेदनशील घोषित किया है. हमले के लिए आतंकी संगठनों ने तीन से चार दस्ते बनाए हैं. प्रत्येक दस्ते में दो से तीन आतंकी शामिल हैं. कुछ आतंकियों को श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र नौगाम और माच्छुवा में देखा गया है. सुरक्षाबलों ने सभी इलाके घेरकर तलाशी अभियान छेड़ रखा है.
आतंकियों के पास राकेट लांचर जैसे घातक हथियार होने के इनपुट मिले हैं. हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने प्रत्येक दस्ते में एक साल के दौरान आतंकी बनने वाले युवकों को भी शामिल कर रखा है. सूत्रों की मानें तो आतंकी आधार शिविरों या श्रद्घालुओं के वाहनों पर भीड़ भरे इलाकों में ग्रेनेड से हमला कर सकते हैं. संबधित अधिकारियों ने बताया कि सटोरा मे एक दो आतंकी और हैं. उन्हें भी जिंदा अथवा मुर्दा पकडऩे के लिए अभियान को जारी रखा गया है.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।