चित्रकूट। देश में एक और ट्रेन एक्सिडेंट हुआ है. यूपी में बांदा जिले के चित्रकूट के पास मानिकपुर में पटना जा रही वास्को डि गामा एक्सप्रेस की 13 बोगियां पटरी से उतर गई. इस हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 12 लोग घायल हुए हैं. उत्तर-प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि दुर्घटना की वजह पटरियों में दरार आना है.
रेलवे ने मृतकों के परिवार वालों को पांच लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को एक लाख तथा घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेल हादसे पर गहरा दुख जताया है. सीएम योगी ने मृतकों के परिवार वालों को 02-02 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. साथ ही दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 50-50 हजार एवं मामूली रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
उत्तर-मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि एस-तीन से एस-11 तक शयनयान डिब्बे, दो जनरल कोच और दो अतिरिक्त कोच पटरी से उतरे. रेलगाड़ी के जो डिब्बे बेपटरी हुए हैं, उसमें एस3, एस4, एस5, एस6, एस7, एस8, एस9, एस10, एस11, दो अतिरिक्त स्लीपर कोच और दो जनरल डिब्बे हैं.
उन्होंने बताया कि घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया है और राहत-बचाव कार्य जारी है. मालवीय ने बताया कि दुर्घटना के बाद एक मेडिकल ट्रेन घटनास्थल के लिए तुरंत रवाना कर दी गयी. सुबह पांच बजकर 20 मिनट पर दुर्घटना राहत ट्रेन भी मौके पर रवाना कर दी गयी.
इलाहाबाद के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) मौके पर हैं जबकि उत्तर-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक पहुंच रहे हैं. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हादसे में मारे गये यात्रियों के निकटतम परिजन को पांच-पांच लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
