दलित रैपर को मिली बड़ी उपलब्धि, जाएंगे ऑक्सफोर्ड

जेएनयू के पूर्व छात्र और ओडिशा के रहने वाले एंटी कॉस्ट एक्टिविस्ट दलित रैपर सुमित समोस ने कमाल कर दिया है। सुमित ने जो किया, दरअसल उससे एक रिकार्ड भी बन गया है। रिकार्ड की बात बाद में, अच्छी खबर यह है कि सुमित समोस ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी जा रहे हैं, जहां वह दक्षिण एशियाई अध्ययन में एमएससी कार्यक्रम में शामिल होंगे। ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी में सुमित का शोध एंटी कास्ट एक्टिविजम पर केंद्रित होगा। सुमित का कहना है कि यह विषय उनके दिल के करीब है। सुमित इससे पहले जेएनयू में स्पेनिश भाषा और लैटिन अमेरिकी साहित्य में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ले चुके हैं। सुमित अक्टूबर में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की राह पकड़ेगे।

 दरअसल सुमित का ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी में दाखिले के लिए भेजा गया आवेदन जनवरी महीने में स्वीकार कर लिया गया था। लेकिन सुमित के सामने पढ़ाई के पैसे जुटाने की चुनौती थी। दक्षिण ओडिसा के कोरापुट के रहने वाले सुमित के पिता एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं, जबकि उनकी माँ एक एएनएम कार्यकर्ता रही हैं। ऐसे में वह घर से पैसे नहीं ले सकते थे। दिकक्त तब ज्यादा बढ़ गई जब सुमित ने स्कॉलरशिप के लिए आवेदन दिया, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण वह स्कॉलरशिप नहीं पा सकें। और वादा करने के बावजूद ओडिसा सरकार ने तकनीकी दिक्कतों का हवाला देकर हाथ खड़े कर दिये। ऐसे में सुमित के सामने बस एक ही रास्ता था, वह रास्ता था, क्राउड फंडिंग के जरिए पैसे जुटाना।

सुमित ने इस बारे में सुन रखा था सो उन्होंने अपने कुछ दोस्तों की मदद से क्राउड फंडिग के लिए अपील की। और गजब यह हुआ कि सुमित ने सिर्फ 3 घंटे में क्राउड फंडिग के जरिए 38 लाख रुपये जुटा लिए। जो कि निश्चित तौर पर एक रिकार्ड है। हालांकि इस दौरान कई लोगों ने सुमित पर जाति के आधार पर पैसे मांगने का आरोप भी लगाया और उन्हें भला-बुरा भी कहा। लेकिन सुमित के विचारों से ताल्लुक रखने वाला समाज उनकी मदद को आगे आया और दिल खोल कर उनकी मदद की। सुमित का कहना है कि उन्हें यकीन था कि समाज के लोग उनकी मदद करेंगे, लेकिन वो सिर्फ 3 घंटे में 38 लाख रुपये जैसी बड़ी रकम जुटा पाएंगे, उन्हें इसकी उम्मीद नहीं थी।

सुमित अब ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी जाने की तैयारी में हैं। सुमित अपने नाम से ही अपना यू-ट्यूब चैनल भी चलाते हैं, जहां वह अपने लिखी गीतों को रैप के जरिए लोगों तक पहुंचाते हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि सुमित ऑक्सफोर्ड से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद दलित-बहुजन समाज के लिए और बेहतर काम करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.