यूपी में चुनाव बाद हिंसा, प्रयागराज में ओबीसी समुदाय के दारोगा पुत्र की दिनदहाड़े हत्या, जौनपुर के दलित बस्ती में गांजा पीने से रोकने पर चला दी गोलियां

उत्तर प्रदेश में चुनाव खत्म होने के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार की वापसी के साथ ही अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। चुनाव बाद की हिंसाओं में सबसे अधिक शिकार दलित और पिछड़े वर्ग के लोग हो रहे हैं। बीते 3 अप्रैल को इसी तरह की एक घटना सामने आयी, जिसमें अपराधियों ने प्रयागराज में एक नौजवान की दिनदहाड़े हत्या कर दी। मृतक का नाम आशीष यादव है और उसके पिता बाबूचंद यादव लखनऊ के एक थाने में दारोगा के पद पर कार्यरत हैं।

स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करीब 22 साल का आशीष सामाजिक कार्यों में दिलचस्पी लेता था और समाजवादी पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता था। उसकी हत्या के पीछे चुनावी रंजिश बतायी जा रही है।

वहीं स्थानीय पुलिस के मुताबिक आशीष के उपर तमंचे से जानवेला हमला तब हुआ जब वह इनायरसराय इलाके के पालीकरनपुर चौराहे पर खड़ा था। वह स्वयं भी पालीकरनपुर गांव का रहनेवाला था। मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात अपराधियों ने तमंचे से गोलियां चला दी। गोली लगते ही आशीष गिर पड़ा और उसे मरा समझ अपराधी मोटरसाइकिल से भाग निकले। वहीं स्थानीय लोगों ने आशीष को अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इस संबंध में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा के दूसरे कार्यकाल में अपराध की रफ़्तार दुगुनी हो गयी है। बैंक लूट, लॉकर चोरी, बलात्कार, गोली कांड और हत्या की घटनाएं निरंतर बढ़ रही हैं और अपराधियों की दबंगई चरम पर है। उन्होंने यह भी कहा है कि सूबे में अपराध की बुलेट ट्रेन दौड़ रही है।

बहरहाल, उत्तर प्रदेश में सामंती लोगों का हौसला किस कदर बढ़ गया है, इसकी पुष्टि जौनपुर में परसों हुई एक घटना से भी होती है। मिली जानकारी के अनुसार जौनपुर के एक दलित बहुल गांव के मंदिर में बैठकर गांजा पी रहे दबंगों को जब लोगों ने टोका, दबंगों ने लोगों पर गोलियां चला दी। इस घटना में आधा दर्जन लोग घायल हो गए। उनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। इनमें चार की हालत गंभीर बतायी जा रही है।

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