सागर। बीना के बसाहरा गांव में एक दलित किशोरी का किडनैप करने का मामला सामने आया है. सवर्ण जाति के तीन लड़के 20 अगस्त की रात किशोरी का अपहरण कर ले जा रहे थे. जब लड़की शोर मचाने लगी तो गांव के लोगों ने उन अपहरण करने वालों को धर दबौचा और पुलिस को सूचित किया. लेकिन पुलिस ने गाड़ी में डीजल कम होने की बात कहकर आने से मना कर दिया.
जब घटना की जानकारी किडनैपर्स के घर तक पहुंची तो सवर्ण जाति के लोग इकट्ठा होकर उन्हें छुड़ाने पहुंचे. सवर्णों ने किडनैपर्स को पकड़ने वाले दलित ग्रामीणों पर रॉड और लाठी से हमला कर दिया और किडनैपर्स को छुड़ा कर ले गए. हमले में एक महिला सहित चार लोग घायल हुए हैं. इस घटना से गांव के दलितों में आक्रोश है. उनका कहना है कि समय पर पुलिस पहुंच जाती तो मारपीट नहीं हो पाती. इधर पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.
सोमवार (21 अगस्त) को बसाहरा गांव के करीब 100 लोग बीना पहुंचे. उन्होंने बीना थाना प्रभारी को लिखित शिकायत करते हुए बताया कि रविवार रात करीब 10 बजे गांव के तीन सवर्ण जाति के युवक महेंद्र राजपूत, दिब्बू राजपूत और विजय कुशवाहा घर में अकेली सो रही किशोरी का अपहरण कर घर के बाहर ले जा रहे थे.
चीख पुकार सुनकर मुहल्ले वालों ने तीनों युवकों को पकड़कर किशोरी को मुक्त कराया. इसके बाद उन्होंने 100 डायल को सूचना दी. लेकिन व्यस्त होने की बात कहकर 100 डायल मौके पर नहीं पहुंची. फिर खिमलासा थाने फोन किया तो पुलिस ने गाड़ी में डीजल कम होने की बात कहकर आने से इनकार कर दिया.
ग्रामीणों का आरोप है कि जब पुलिस नहीं पहुंची तो तीनों अपहरणकर्ता के परिजन पप्पू ठाकुर, नवल ठाकुर, सुरेंद्र और कमल सिंह ने किशोरी को बचाने वाले लोगों पर रॉड और डंडों से हमला कर दिया और तीनों युवकों को छुड़ा ले गए. हमले से एक महिला सहित चार लोगों को चोटें आई है.
एक की गर्दन तथा पैर में गंभीर चोटें आने पर उसे बीना के सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है. ग्रामीणों ने बीना पुलिस से शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है. इधर बीना थाना प्रभारी ने पीड़ित लड़की तथा परिजनों के बयान लेकर डायरी खिमलासा पुलिस थाना भेजने की बात कही है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर पुलिस पहुंच जाती तो किशोरी की मदद करने वालों के साथ जातिवादी गुंडे मारपीट नहीं कर पाते.
बीना के एएसपी पीएल कुर्बे ने कहा कि पूरी घटना की जांच की जाएगी. पीड़ित परिवार के बयानों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई होगी. दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.

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