
मैं आबिद रेजा पीएचडी जनसंचार सत्र: 2018-19 का महात्मा गा.अं.हि.विश्वविद्यालय, वर्धा का शोधार्थी हूँ. मैं कक्ष सं. 67 में रहता हूँ. दिनांक 07/11/2018 को तक़रीबन 12:45 बजे. जैसे ही मैं गोरख पाण्डेय छात्रावास में प्रवेश कर अपने कक्ष स. 67 की ओर जानी वाली सीढीओं पर कुछ सीढी ही चढा था. जब तक कि राम सुंदर कुमार(पीएचडी शोधार्थी, सत्र: 2018-19) ने मेस से निकलते हुए आवाज़ देना शुरू कर दिया. तुम्हारे यहाँ पैसा बकाया है क्यों नहीं दे रहे हो. उसके आवाज़ देने और मेरे सीढी चलने की गति इतनी थी जब तक मैं सामने कुछ सीढीयों पर चढ़ चुका था और राम सुंदर कुमार भी पीछे की सीढ़ी पर चढ़ते हुए कहने लगा कि तुमने मेस का पैसा नहीं दिया है. मैंने कहा कि मैंने पाँच सौ रुपए दिये हैं और तक़रीबन 300 सौ के आस-पास जो भी होगा दे देता हूँ. उसने कहा कि नहीं तुम अभी दो फिर मैंने कहा कि मैं कमरे में जा रहा हूँ और पैसा लाकर देता हूँ और अभी मैंने खाना भी नहीं खाया है. जब तक पैसे के लिए उसने मेरी शर्ट की कालर पकड़ ली और जबर्दस्ती करने लगा और अशोभनीय और अभद्रता करने लगा जबकि मैंने उसे छुड़ाने की कोशिश की तो उसने धका देते हुए मुझे मेरे सर के बायां माथे पर घुसा मारकर ख़ून बहा दिया और लात घुसा चलाने लगा. फूटे हुए माथे का विडियो और तस्वीर मेरे पास मौजूद है. इस घटना की आवाज़ सुनते ही तमाम लोग इस घटना शरीक होकर बीच-बचाव करा दिए. इसके पूर्व में भी कहा था देखों मेरा संबंध असामाजिक तत्वों के साथ भी है जब चाहूँ तुम्हें कुछ अनहोनी करा सकता हूँ. और इस घटना के दूसरे दिन यानि आठ तारीख को कहा कि पाकिस्तान है तू और पाकिस्तान क्यों नहीं जा रहे हो. गाय के नाम पर तुम्हें मारना पड़ेगा. अगर तुमने कहीं शिकायत की तो देखना मैं क्या करता हूँ. इस भय से और उसके गुंडा प्रवृति के कारण मैं इस घटना के बाद और डरा हुआ हूँ. मानसिक रूप से परेशान हूँ और मुझे ऐसा लगता है धार्मिक उन्माद के नाम पर मेरी जान ली जा सकती है. मेरी दिनचर्या भी प्रभावित है. मैं विश्वविद्यालय प्रशासन से निवेदन किया है मेरी सुरक्षा दी जाए. क्योंकि मैं असुरक्षित महसूस कर रहा हूँ. जिससे मेरी शिक्षण व्यवस्था सुचारु रूप से व्यवस्थित हो सके.
आबिद रेज़ा