नई दिल्ली। देश के राज्यों में 4 विधानसभा सीटों पर बुधवार को उपचुनाव हो रहे हैं. आज आंध्र प्रदेश में नंदयाल, गोवा में पणजी व वालपोई और दिल्ली में बवाना विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. बवाना और पणजी सीटों पर पूरे देश की नजर रहेगी. बुधवार को मतदान शाम पांच बजे तक होगा और इसके नतीजे 28 अगस्त को आएंगे.
चुनाव आयोग इन सभी सीटों पर ईवीएम और वीवीपैट के जरिए मतदान करा रहा है. दिल्ली की बवाना सीट पर जहां कांग्रेस के लिए एक बड़ा मौका है, वहीं आप आदमी पार्टी के लिए खुद को साबित करने की कड़ी चुनौती है. आम आदमी पार्टी के विधायक वेद प्रकाश के इस्तीफा देने के कारण बवाना सीट खाली हुई है. इस्तीफा देने के बाद वेद प्रकाश ने भाजपा का दामन थाम लिया है. आप ने इस सीट पर रामचन्द्र को चुनाव मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने बवाना से तीन बार विधायक रहे सुरेन्द्र कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है.
सबसे मजेदार जंग इन उपचुनाव में गोवा में देखने को मिल रही है. यहां मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर पणजी विधानसभा सीट के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार है. पर्रीकर के खिलाफ सीट से कांग्रेस के गिरीश चोडांकर और गोवा सुरक्षा मंच (जीएसएम) के आनंद शिरोडकर खड़े हैं. भाजपा विधायक सिद्धार्थ कुनकालीनेकर के हाल ही में अपने पद से इस्तीफा देने के कारण पणजी विधानसभा खाली हुई है. वहीं कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे के त्यागपत्र देने के कारण वालपोई विधानसभा सीट रिक्त हुई है.
वोट डालने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर सुबह ही पहुंच गए और लाइन में लगकर वोट दिया. वोट डालने के बाद जब उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा, ‘कोई अनुमान नहीं है, लेकिन हमें अपनी जीत पर विश्वास है.’ हालांकि कुछ दिनों पहले जब उनसे पूछा गया, अगर वह चुनाव हार गए तो क्या करेंगे, तो उन्होंने कहा था कि फिर से केंद्र में रक्षा मंत्रालय संभाल लेंगे.
इधर आंध्र प्रदेश में तेलुगुदेशम पार्टी के विधायक भुमा नागिरेड्डी के निधन होने के कारण नांदयाल सीट खाली हुई, जिसकी वजह से यहां उपचुनाव हो रहा है. यहां उपचुनाव में मतदाताओं के बीच खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. मतदान केंद्रों के बाहर लंबी-लंबी कतारे नजर आ रही हैं.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
