गोपालकृष्ण गांधी उपराष्ट्रपति पद के सही उम्मीदवारःमायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उपराष्ट्रपति पद के लिए 18 विपक्षी पार्टियों द्वारा पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी को उम्मीदवार बनाए जाने की पहल का स्वागत किया. गोपालकृष्ण गांधी महात्मा गांधी के पड़पोते भी हैं।

बसपा प्रमुख ने कहा कि उनकी योग्यता व बौद्धिकता स्वीकार करते हुए भाजपा और एनडीए जिम्मेदारी बनती है कि वे भी व्यापक देशहित में उन्हें स्वीकार करके उनके खिलाफ कोई प्रत्याशी न खड़ा करें और गोपालकृष्ण गांधी निर्विरोध उपराष्ट्रपति पद पर चुने जा सकें.

मायावती ने कहा कि विपक्षी पार्टियों द्वारा आज की बैठक में उपराष्ट्रपति पद के लिये अपना संयुक्त उम्मीदवार चुनना काफी शुभ संकेत है. सत्ताधारी भाजपा व एनडीए को यह सब कतई अच्छा नहीं लगने वाला है, खासकर तब जबकि वे लोग विपक्षी एकता को तोड़ने व विपक्षी पार्टियों को राजनीतिक तौर से ब्लैकमेल करने के लिये अनेकों प्रकार के हथकण्डे लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं. सीबीआई, इनकम टैक्स व प्रवर्तन निदेशालय आदि सरकारी मशीनरी का भी खुलकर ग़लत राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं.

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि योगी सरकार द्वारा विधानसभा आमचुनाव के लगभग चार महीने के बाद आज विधानसभा में पेश किये गये बजट ने प्रदेश के करोड़ो आमजनता, गरीब, मजदूर, किसान व अन्य मेहनतकश लोगों के साथ-साथ बेरोजगार युवकों को बहुत ही मायूस किया है. इस बजट में कहा गया है कि ’हमें आर्थिक विपन्नता’ मिली परन्तु इसके निदान के मामले में केन्द्र की सहायता नहीं हासिल कर पाना वास्तव में केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा दोनों ही स्तर पर प्रदेश की जनता के साथ धोखाधड़ी है.

मोदी सरकार ने यूपी में भाजपा सरकार बन जाने पर भरपूर केन्द्रीय सहायता देकर उत्तर प्रदेश को ’उत्तम प्रदेश’ बनाने का बार-बार वायदा किया था, परन्तु योगी सरकार के बजट में इसकी कोई झलक नहीं मिलती है, जो प्रदेश की 22 करोड़ जनता के लिये काफी दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण बात है.

बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी व राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं के खिलाफ विद्वेश की कार्रवाई आदि इसके पक्के प्रमाण हैं जबकि भाजपा के नेताओं व उनके समर्थकों आदि को हर प्रकार का अपराध करने की खुली छूट दे दी गयी है और उन पर कोई शिकंजा नहीं कसा जा रहा है, यह देश व लोकतंत्र के लिये चिन्ता की बात है.

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