नई दिल्ली। ईवीएम सही या गलत, इसको लेकर छिड़ी बहस अब राजनीतिक गलियारे से निकल कर आम जनता और देश के बुद्धिजीवी और चिंतकों तक आ गई है. इसी मुद्दे पर 3 अक्टूबर को देश की राजधानी दिल्ली में एक परिचर्चा आयोजित की गई है. परिचर्चा का विषय है-“मतदान के लिए EVM कितना लोकतांत्रिक- कितना पारदर्शी?”
यह परिचर्चा कंस्टीट्यूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर हॉल में दोपहर 2 बजे से होगा. इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में मीडिया जगत के दिग्गज पत्रकार उर्मिलेश, कुरबान अली, जेएनयू के प्रोफेसर आनंद कुमार, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल, NRMU के प्रेसिडेंट कामरेड हरभजन सिंह सिद्धू और सुप्रीम कोर्ट के वकील मौजूद रहेंगे.
Read it also-दलितों का विरोध राष्ट्रव्यापी मुद्दा क्यों नहीं बन पाता?
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये आप हमें paytm (9711666056) कर सकतें हैं।
![](https://www.dalitdastak.com/wp-content/uploads/2020/12/DD-logo.jpg)
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
![](https://www.dalitdastak.com/wp-content/uploads/2020/12/PLATE.jpg)